हाल ही में सद्‌गुरु ने मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक यात्रा की। ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि इसने वहां के लोगों में आध्यात्मिक अंकुरण का काम किया। वहां के मुख्यमंत्री, मीडिया और उद्योग जगत ने सद्‌गुरु के साथ कुछ महत्वपूर्ण पल बिताए। आइए जानते हैं विस्तार से इस यात्रा के बारे में:

सद्‌गुरु 15 अप्रैल को दोपहर 2 बजे भोपाल हवाई अड्डे पर पहुंचे। मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सद्‌गुरु का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे। शिवराज सिंह जी से कुछ देर बातचीत करने के बाद, सद्‌गुरु शिवनेरी आश्रम के लिए रवाना हो गए। शिवनेरी आश्रम सांसद श्री अनिल माधव दवे द्वारा नर्मदा नदी के तट पर बनवाया गया एक छोटा सा आश्रम है।

Subscribe

Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.

सद्‌गुरु ने नर्मदा नदी के तट पर आयोजित एक विशेष पूजा में भाग लिया, जिसका आयोजन अनिल जी ने पूरी मानवता के कल्याण हेतु किया था।

मध्य प्रदेश सरकार ने 2016 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ की तैयारी के सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए सद्‌गुरु को आमंत्रित किया।
नदी का तट, नर्मदा का बहता जल, सारा प्राकृतिक दृश्य और सद्‌गुरु की मौजूदगी - एक बेहद शक्तिशाली अनुभव था। पूजा समाप्त होने के बाद सद्‌गुरु अनिल जी के आग्रह पर राफ्टिंग के लिए चलने को तैयार हो गए।

शाम को शिवनेरी आश्रम में सद्‌गुरु के साथ एक छोटे सा सत्संग आयोजित किया गया जिसमें मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह जी भी शामिल हुए। सद्‌गुरु ने भूत शुद्धि की अहमियत समझाई और बताया कि किस तरह इस पवित्र नदी के तट पर रहने की संभावना का अगर सही उपयोग किया जाए, तो हम कभी किसी बीमारी की चपेट में नहीं आ सकते। जब नर्मदा हॉस्पीटल्स के चेयरमैन डॉ.राजेश शर्मा ने शरीर में जल तत्व की शुद्धि की एक सरल विधि बताने का अनुरोध किया, तो सद्‌गुरु ने उस जल के प्रति श्रद्धाभाव रखने की बात की जिसे हम पीते हैं। साथ ही उन्होंने दूसरे पारंपरिक तरीके भी बताए, जैसे पेयजल रखने के लिए तांबे का बर्तन इस्तेमाल करना, बर्तन के पास हमेशा एक दीया जलाकर रखना।

अगले दिन की शुरुआत हुई सद्‌गुरु के साथ सत्संग से जिसका आयोजन हुआ था भारत भवन में। यह सत्संग ईशा साधकों के लिए आयोजित किया गया था। सत्संग का आयोजन जिस हॉल में हुआ था उसका नाम था 'अंतरंग'। सत्संग ने इस हॉल के नाम को चरितार्थ किया क्योंकि भोपाल, इंदौर और विदिशा के सिर्फ 130 ईशा साधकों के एक छोटे से समूह को सद्‌गुरु के साथ अंतरंग समय बिताने और गुरु कृपा का लाभ उठाने का एक दुर्लभ अवसर मिला। सद्‌गुरु ने कुछ सवालों के जवाब दिए मसलन सीबीआई जांच के कटु अनुभव को कैसे संभालें, पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए फूल टाईम स्वयंसेवक कैसे बनें और ज्योतिर्लिंगों का महत्व क्या है।

मैरियट होटल की छत पर मिस्टिक आई कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें दैनिक भास्कर समूह के श्री सुधीर अग्रवाल और श्रीमती ज्योति अग्रवाल के अतिथियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में शहर के गणमान्य लोगों ने सद्‌गुरु की हाजिरजवाबी और प्रज्ञा का अनुभव किया जब उन्होंने सद्‌गुरु को पूरे ध्यान से सुना और तमाम सवाल भी पूछे। जब उनसे दैनिक भास्कर समूह के # 'live no negative' अभियान के बारे में पूछा गया, तो सद्‌गुरु ने कहा कि शायद यह कोशिश हमारे जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए है, मगर चूंकि वह एक मीडिया समूह है, इसलिए वह अपनी शैली में इसे कर रहा है!

17 अप्रैल को शाम में मध्य प्रदेश सरकार ने 2016 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ की एक तैयारी के रूप में मूल्य आधारित जीवन पर सम्मेलन का उद्धाटन करने के लिए एक विशाल समारोह आयोजित किया था। यह समारोह विधान सभा भवन में आयोजित किया गया था।

विधान सभा पहुंचने पर, सद्‌गुरु ने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित किए। फिर मुख्यमंत्री द्वारा एक संक्षिप्त स्वागत भाषण के बाद, सद्‌गुरु ने कुंभ मेले के विज्ञान के बारे में बताया।

जब नर्मदा हॉस्पीटल्स के चेयरमैन डॉ.राजेश शर्मा ने शरीर में जल तत्व की शुद्धि की एक सरल विधि बताने का अनुरोध किया, तो सद्‌गुरु ने उस जल के प्रति श्रद्धाभाव रखने की बात की जिसे हम पीते हैं।
सद्‌गुरु ने बताया कि 0 से 33 डिग्री अक्षांश के बीच अपकेंद्री बल लंबवत रूप में काम करता है और इस पट्टी में कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां बहती नदियों के मिलन स्थल हैं। इन स्थानों को प्रयाग या संगम कहा जाता है। इन स्थानों पर नदियों के एक खास मंथन से एक किस्म की उर्जा स्थिति बनती है और एक निश्चित समय के दौरान यह ऊर्जा स्थिति खास तौर पर शक्तिशाली होती है। 12 सालों में एक बार होने वाला कुंभ मेला, ऐसे शक्तिशाली समय के दौरान इस पानी के संपर्क में आने की संभावना प्रदान करता है। सद्‌गुरु के प्रवचन के बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ।

सद्‌गुरु के इस तीन दिवसीय दौरे ने भोपाल में कई ईशा कार्यकलापों का बीज बो दिया है। अप्रैल के अंत में भोपाल में ईशा योग कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं।

मूल्य आधारित जीवन की कुछ झलकियां ... देखें विडियो