यूनाइटेड नैशंस ने 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर घोषित किया है। सद्‌गुरु चाहते हैं कि इस दिन को योग के एक विशेष भेंट के रूप आयोजित किया जाए, जिससे सभी वर्ग, धर्म, देश के नागरिकों और सामाजिक पृष्ठभूमियों के लोगों को ध्याना का अनुभव कराया जा सके और जीवन के सीमित अनुभव की सीमाओं से परे असीम की संभावनाओं को संभव कर दिखाया जाए।

उनकी सोच को साकार बनाने के लिए आने वाले दिनों में योग दिवस पर कई गतिविधियां सामने आने वाली हैं। आने वाले दिनों में कार्यक्रमों की व्यस्तता कैसी रहेगी, उस पर एक नजर।

योग दिवस के मौके पर आने वाले दिनों और हफ्तों में कई गतिविधियां सामने आएंगी। पेश हैं, यहां कुछ गतिविधियां, जो आने वाले दिनों में होने वाली हैं।

छात्रों के लिए उप-योग

देश में पिछले एक या दो दशक में छात्रों में आत्महत्या की प्रवृत्ति भयावह रूप से बढ़ी है। साल 2014 में 14 साल की कम उम्र के 1700 से ज्यादा बच्चों ने आत्महत्या की और यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। बहरहाल, इन बच्चों को सही तरह से योग अभ्यास की जानकारी देना, इस स्थिति को बदलने में अहम भूमिका निभा सकती है। इसी मकसद से आगामी योग दिवस के मौके पर ईशा योग फाउंडेशन देश भर के 25,000 स्कूलों के 1.5 करोड़ बच्चों को उप-योग संबंधी प्रशिक्षण की कक्षाएं देने की तैयारी में जुटा हुआ है। हालांकि ये कक्षाएं योग दिवस के बाद पूरे साल जारी रहेंगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र पढ़ाई व उसकी प्रक्रिया से जुड़े तनावों का सामना करने के लिए खुशहाल व शांतिपूर्ण ढंग से तैयार हुए हैं या नहीं।

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इस योजना पर अमल करने के लिए 45,600 स्कूली शिक्षकों को आत्म-कल्याण से जुड़ी योग का कुछ आसान व 5 मिनट की तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित कराया जाएगा। इस योजना के तहत की जा रही कुछ पहलों के बारे में एक झलक:

  • राजस्थान में एक खास परियोजना पर काम चल रहा है, जिसमें कोटा के कोचिंग संस्थानों को शामिल किया गया है। कोटा के इन कोचिंग संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के मामले एक खतरे की घंटी बनते जा रहे हैं। यहां हम राज्य सरकार व संस्थानों के सहयोग से तकरीबन 1.5 लाख छात्रों को उपयोग सिखाने की कोशिश करेंगे।
  • केंद्रीय विद्यालय संगठन के लिए ईशा उनके देश भर में कार्यरत केवीएस टीचर्स को ट्रेनिंग देने वाले संस्थानों में योग सत्रों को सचांलित करेगा। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 5000 से ज्यादा टीचर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • 16 जून 2016 को महाराष्ट्र के सभी बीएमसी स्कूलों में कार्यरत पीटी टीचर्स को उप-योग की टीचर्स ट्रेनिंग दी जाएगी। उसके बाद ये प्रशिक्षित टीचर्स 17 विभिन्न स्थानों पर बीएमसी के 2000 टीचर्स व गैर टीचिंग स्टाफ को योग का प्रशिक्षण देंगे। फिर ये लोग 260 स्कूलों के 57,000 छात्रों को योग सिखाएंगे।
  • ईशा फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश के 140 सरकारी स्कूलों के टीचर्स को प्रशिक्षित किया है। ये टीचर्स 1,40,000 छात्रों को योग सिखा रहे हैं।
  • चेन्नै में महानगर पालिका के सभी स्कूलों, कोचिंग सेंटरों, अकादमियों, काॅलेजों व यूनिवर्सिटी मंे योग कक्षाओं को चलाने के लिए लगभग 4500 स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित किया गया है। 30 जून तक इन सत्रों के माध्यम से तीन लाख छात्रों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।

इसी तरह की कोशिश देश के कई अन्य राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, गुजरात में भी की जा रही है। उनके बारे जानकारी जल्द ही मिलेगी।

शिक्षक बने छात्र

छात्र सिर्फ योग सीखेंगे ही नहीं, बल्कि इसे सिखाने का प्रशिक्षण भी लेंगे। अप्रैल व मई 2016 के दौरान ईशा योग केंद्र में आए तकरीबन 25,000 आगुतंकों ने ईशा विद्या ग्रामीण स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा संचालित उप-योग सत्र का लाभ उठाया। योग की सबसे कम उम्र की प्रशिक्षिका 11 साल की खुशी चंडीगढ़ में है, जो स्नेहालय में बच्चों के लिए कक्षाएं चला रही है। खुशी, ईशा फाउंडेशन से प्रशिक्षित उप-योग की टीचर है। स्नेहालय के प्रभारी श्री सतीश वर्मा ने बताया कि योग को बच्चों की दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाएगा।

क्या है उप-योग

सद्‌गुरु : कभी-कभी दुनिया में बड़े पैमाने पर लोगों को, यहां तक कि योग से जुड़े लोगों को भी उप-योग के अभ्यास की संभावनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती। उप-योग एक ऐसी विधा है, जो आपको शारीरिक व मनोवैज्ञानिक लाभ देती है, लेकिन यह आध्यात्मिक आयाम को नहीं छूता।
योग अपने आप में कोई व्यायाम का प्रकार नहीं है। यह उससे कहीं ज्यादा सूक्ष्म आयाम है। यह एक ऐसा आयाम है, जिसके जरिए आपके भीतर भौतिकता से परे का आयाम एक जीवंत सच्चाई बन जाता है। अगर किसी चीज में रूपांतरण की क्षमता है तो उसमें यह क्षमता भी होती है कि गलत इस्तेमाल पर वह नुकसान पहंुचा सके। इसलिए योग को एक पूरी तरह से समर्पित माहौल में करने की जरूरत होती है। लेकिन उप-योग में उस स्तर के समर्पण की जरूरत नहीं होती और न ही इसके ठीक से न करने पर कोई समस्या या नुकसान होता है। दरअसल, आप इसे गलत कर ही नहीं सकते, क्योंकि यह बेहद आसान है।

क्या है उप-योग:

  • इससे मांसपेशियों की कसरत होती है और जोड़ों में चिकनापन आता है। साथ ही, यह शरीर को काम करने के लिए प्रेरित करता है।
  • यह नए स्नायुओं को तैयार करता है और याददाश्त व फुर्तीेलेपन को बढ़ाता है।
  • नींद को घटाता है और रीढ़ की हड्डी को सक्रिय करता है।
  • इंसान में गहन शांति का भाव लाता है, शरीर में नई ऊर्जा व खुशहाली का भाव लाता है।

सभी उप-योग अभ्यास निशुल्क सिखाएं जाते हैं, इसे आप आॅनलाइन या एप के जरिए भी सीख सकते हैं। आॅनलाइन के लिए इस लिंक पर संपर्क करें: isha.sadhguru.org/yogaday

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके सद्‌गुरु होंगे यूएन में

यूनाइटेड नैशन स्थित भारत का स्थायी दूतावास 20 व 21 जून को न्यूयाॅर्क स्थित यूएन मुख्यालय में एक विशेष आयोजन करने जा रहा है। इस आयोजन की थीम ‘दीर्घकालिक विकासात्मक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए योग’ रखा गया है। इस आयोजन के एक हिस्से के तौर पर सद्‌गुरु एक योग सत्र का संचालन करेंगे। साथ ही, वह इस मौके पर आयोजित एक महत्वपूर्ण परिचर्चा में एक प्रमुख वक्ता होंगे, जहां तमाम महत्वपूर्ण हस्तियां व अतिथि मौजूद होंगे। इसमें सद्‌गुरु बताएंगे कि कैसे दीर्घकालिक विकासात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति में योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
ये कुल मिलाकर 17 दीर्घकालिक विकासात्मक लक्ष्य हैं, जिन्हें यूएन के तहत सभी देशों ने स्वीकारा है। इसमें से कुछ प्रमुख लक्ष्यों में दुनिया से गरीबी का खात्मा, धरती का बचाव और सभी की समृद्धि को सुनिश्चित करना है। हर लक्ष्य को पाने के लिए अगले 15 सालों के लिए कुछ खास लक्ष्य रखे गए हैं। इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हरेक को अपने हिस्से का काम करना होगा। मसलन- सरकार, निजी क्षेत्र, समाज और लोगों सहित सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। अब इस में योग कैसे मदद करेगा, यह जानने के लिए थोड़ा इंतजार कीजिए।

तमिलनाडु में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजन

सद्‌गुरु ने अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2016 के मौके पर 5 जून को तमिलनाडु में चेन्नै के वाइएमसीए ग्राउंड में में योग टीचर्स ट्रेनिंग कार्यकम का शुभारंभ किया, जहां लगभग 4500 लोगों को उप-योग सिखाया गया। तमिलनाडु भर में में उप-योग सत्र के आयोजन के लिए कुल 11,500 स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित किया गया है। 21 जून को उप-योग के ये सत्र राज्य के 6000 स्कूलों, काॅलेजों, सरकारी मेडिकल काॅलेजों, जेलों, यूनिवर्सिटीज, एनजीओ व दफ्तरों में आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, राज्य के तिरुपुर, इरोड, विल्लुपुरम, धर्मपुरी, कृष्णागिरी, सेलम, त्रिची, कांचीपुरम, कुड्डलोर, तन्नी व नागरकोइल जिलों व पुद्दुचेरी में पीटी टीचरों को प्रशिक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर छह महाद्वीपों के तकरीबन 80 देशों में उप-योग की कक्षाएं आयेजित होंगी। इनमें हमारे आसपास के देश जैसे नेपाल, सिंगापुर, मलेशिया, लेबनान, साउथ कोरिया व चीन से लेकर आॅस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका के देशों से लेकर यूरोप व अफ्रीका के देश तक शामिल हैं। अकेले अमेरिका भर में ही 50,000 जगहों पर इस योग सत्र को संचालित कराने के लिए बड़ी तादाद में प्रशिक्षकों को टे्रनिंग दी गई है।

आयूष मंत्रालय के साथ भागीदारी

भारत सरकार के आयूष मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2016 के आयोजन को लेकर बनने वाली योजनाओं, रणनीति और उस पर अमल जैसी तमाम गतिविधियों में ईशा फाउंडेशन को अपना सहयोगी बनाया है।

हठ योग कार्यक्रम

इस मौके पर ईशा योग केंद्र कोयंबटूर 39 देशों से आने वाले 2000 से ज्यादा प्रतिभागियों के लिए एक हठ योग कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। जिसमें अंग्रेजी के साथ-साथ छह अन्य भाषाओं तमिल, तेलुगु, हिंदी, चीनी, रूसी व फे्रंच में हठ योग सिखाई जा रहीे है। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को उप-योग, सूर्य क्रिया व योगासनों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

आप भी जुड़ें

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन के मौके पर ईशा फाउंडेशन आप सभी को अपने शहरों में निशुल्क वर्कशाॅप आयोजित करने या उसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है। यह वर्कशाॅप डेढ़ घंटे की होगी, जिसमें मानवीय जीवन के स्वास्थ्य, शांति, प्रेम, आनंद, खुशी, सफलता जैसी पहलुओं को ध्यान में रखकर तैयार किए गए उप-योग के कुछ अभ्यासों के बारे में बताया जाएगा। उप-योग के ये तमाम अभ्यास निशुल्क सिखाएं जाते हैं, इसे आप आॅनलाइन या एप के जरिए भी सीख सकते हैं। कोई भी सात साल से ऊपर का इंसान इन अभ्यासें को कर सकता है।