अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस - प्रेस रिलीज़
सद्गुरु की ओर से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र में 135 देशों से आए लोगों के लिए योत्र सत्र का नेतृत्व:
22 जून, न्यू यॉर्क : 21 जून को दूसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस वर्ष के आयोजन का विषय था - योग के माध्यम से स्थायी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना। सद्गुरु ने न्यू यॉर्क में स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में, योग सत्र का नेतृत्व करते हुए, अपना संबोधन दिया। इस अवसर पर 20 व 21 जून 2016 को, दो कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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21 जून
सद्गुरु ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के प्रांगण में योग सत्र का नेतृत्व किया। सद्गुरु द्वारा, इस आयोजन में भाग ले रहीं संयुक्त राष्ट्र की हस्तियों तथा दूसरे सहभागियों के लिए उप-योग की सरल प्रक्रिया का सत्र संचालित किया गया।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि जब पारंपरिक योग के गहन रूपों को संचारित किया जाए, तो उस समय उसके लिए अुनकूल वातावरण बनाया जाना चाहिए।
न्यू यॉर्क के यू.एन. सैक्रेटेरिएट सर्कल में, 21 जून 2016, मंगलवार को, एक बज कर पंद्रह मिनट पर, दूसरा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह मनाया गया। यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक सूचना विभाग ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के साथ साझेदारी में आयोजित किया। इस आयोजन में करीबन 135 देशों से आए सहभागियों ने हिस्सा लिया। राजदूत तथा संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने अपने स्वागत संदेश में कहा, कि यह आयोजन योग की उस प्रकृति का साक्षी है, जो सबको एक करने की क्षमता रखती है।
इस आयोजन में, जनरल असेंबली के प्रेज़ीडेंट, मि. मोरगंस लिकटाफ़ विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कम्यूनिकेशंस एंड पब्लिक इनफार्मेशन की अंडर सैक्रेट्री जनरल, मि. क्रिस्टीना गेलैक ने भी जनरल सैक्रेट्री का संदेश देते हुए सभा को संबोधित किया।
20 जून
पिछले वर्ष की सफलता को ध्यान में रखते हुए, इस बार भी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक विशेष कार्यक्रम - ‘कन्वरसेशन विद योग मास्टर्स - योग फॉर द एचीवमेंट ऑफ़ सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजीस्)’ - आयोजित किया।
सिविल और पर्यावरणीय अधिकारों के समर्थक लेखक, मैक्स कैनेडी, ने सद्गुरु के साथ बातचीत की। यह विशेष कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया गया था ताकि हम योग के अनूठे आयामों के बारे में अपनी सामूहिक सोच को बढ़ाते हुए, विकास के लक्ष्यों की उपलब्धि में इसकी अहम भूमिका को पहचान सकें। यह कार्यक्रम, न्यू यॉर्क के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के ईकोसॉक चैंबर में, 20 जून 2016, मंगलवार को दोपहर तीन बजे संपन्न हुआ। इस अवसर पर यू.एन. के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा दूसरे कई देशों के राजदूत तथा गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे। इस सत्र कीशुरुआत सैयद अकबरूद्दीन के स्वागत संदेश के साथ हुई।
सद्गुरु ने योग को एक वैश्विक घटना बताते हुए कहा, ”संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व में रूपांतरण लाने के लिए योग को अपनाना सही मायनों में एक क्रांतिकारी क़दम है, क्योंकि व्यक्तिगत रूपांतरण के बिना, सारे संसार का रूपांतरण नहीं किया जा सकता। योग एक ऐसा सिस्टम है जो तार्किक तौर पर उचित तथा वैज्ञानिक रूप से मान्य है। यौगिक सिस्टम को हर व्यक्ति तक ले जाने का प्रयत्न, मनुष्य के जीवन में अच्छी सेहत, कल्याण तथा प्रचुरता की इच्छा को पूरा करने से जुड़ा है।
सद्गुरु एक योगी, रहस्यवादी, दिव्यदर्शी, और एक प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु हैं। वे एक लेखक, कवि तथा अंतर्राष्ट्रीय रूप से जाने-माने वक्ता भी हैं। सद्गुरु का विवेक और पैने तर्क जीवन के लिए हमारे दृष्टिकोणों को चुनौती देते हुए, उनका विस्तार करते हैं।