देशभर से आए 61 आई. ए. एस . अफसरों ने ईशा योग केंद्र में 4 जनवरी से 8 जनवरी 2016 तक ट्रेनिंग ली। उन्होंने इस ट्रेनिंग के दौरान नेतृत्व, योग और जीवन के कई गहन पहलूओं की खोज की।

4 जनवरी से 8 जनवरी 2016 तक, देश के विभिन्न भागों से आए 61 आईएस अफसरों ने ईशा योग केंद्र, कोयंबतूर, में इनर इंजीनियरिंग लीडरशिप कार्यक्रम में भाग लिया। इन 61 अफसरों ने अपने 2015-2016 कार्यकाल के दौरान होने वाली अनिवार्य ट्रेनिंग के लिए इनर इंजीनियरिंग को चुना था। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने इनर इंजीनियरिंग को आईएस अफसरों के कार्यकाल के दौरान होने वाले प्रशिक्षण के विकल्पों की आधिकारिक सूचि में शामिल किया है।

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भाग लेने वाले आईएस अफसर कई राज्य सरकारों से आए थे, इनमें शामिल हैं – आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, गुजरात, केरल, कर्नाटक, मेघालय, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा। इस ग्रुप में सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के कई वरिष्ट अफसर शामिल थे।

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग हर साल एआईस (आईएस, आईपीएस, आईएफएस) और केन्द्रीय कर्मचारी स्कीम के तहत काम कर रहे ग्रुप “ए” अफसरों के कार्यकालों के दौरान होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। आईएस अफसर प्रशिक्षण का कोई भी ऐसा क्षेत्र चुन सकते हैं, जो उनके वर्तमान कार्यक्षेत्र से जुड़ा हो, या फिर उन कार्यभारों से जुड़ा हो जो उन्हें भविष्य में मिल सकते वाले हैं।

ईशा फाउंडेशन लोक सेवा अधिकारियों से जुड़े इस कार्यक्रम को दो बार भेंट कर चुकी है। अधिकारियों के पहले गुट ने दिसम्बर 14 से दिसम्बर 18, 2015 तक प्रशिक्षण लिया।

इनर इंजीनियरिंग लीडरशिप प्रोग्राम नाम के इस चार दिवसीय कार्यक्रम में सहभागियों को शक्तिशाली शाम्भवी महामुद्रा में दीक्षित किया गया। इसके अलावा उन्हें लीडरशिप के कई पक्षों से भी अवगत कराया गया।

सदगुरु ने खुद इस गुट को संबोधित किया, और उनसे योग और जीवन से जुड़े कई गूढ़ पहलूओं पर बातें की।

सभी अफसरों को इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम, और सदगुरु द्वारा संचालित नेतृत्व से जुड़े पहलूओं पर संवाद ने गहराई से छुआ। असर इतना गहरा था, कि एक वरिष्ट आईएस अफसर ने कार्यक्रम के अंत में, ईशा फाउंडेशन में 2 साल विश्राम-कालीन कार्य करने का प्रस्ताव भी रख दिया। कई विभागों के प्रमुखों ने इस कार्यक्रम को अपने वरिष्ट अधिकारियों को भेंट करने की इच्छा व्यक्त की।

ये कार्यक्रम, कई रूपों में, ईशा फाउंडेशन की सरकारी शाखाओं तक पहुंचने की पहल में, मील का पत्थर साबित हुआ।

इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम के बारे में

इनर इंजीनियरिंग को व्यक्तिगत विकास के लिए एक तीव्र कार्यक्रम की तरह भेंट किया जाता है। ये कार्यक्रम और इसका वातावरण जीवन के उच्च आयामों को खोजने की संभावनाएं देते हैं, और खुद को योग के आंतरिक विज्ञान द्वारा दक्ष बनाने के लिए साधन भेंट करते हैं। इन साधनों को पाने के बाद, लोग स्वास्थ्य, आंतरिक विकास और सफलता के सभी पहलूओं को संतुलित कर सकते हैं। व्यवसाय और निजी जीवन में कौशल की चाह रखने वालों को ये कार्यक्रम ऑफिस, घर और समाज में, और साथ ही अपने भीतर सार्थक और संतोषप्रद रिश्ते बनाने की कुंजियाँ प्रदान करता है।