दक्षिणायन के अवसर पर साउंड्स ऑफ ईशा द्वारा संगीतबद्ध इस विशेष गीत को पिछले साल ईशा योग केंद्र में सद्‌गुरु के दक्षिणायन सत्संग के दौरान प्रस्तुत किया गया था। दक्षिणायन 6 महीने का वह समय होता है जब आकाश में सूर्य अपनी दक्षिणी चाल में होता है। तमिल के बोल श्री माराबिन मइंधन मुथैय्या ने लिखे थे और इसमें योग विद्या के अनुसार दक्षिणायन के महत्व और विज्ञान को दर्शाया गया है और इस अवधि के दौरान एक जिज्ञासु के सामने उपलब्ध संभावना पर जोर दिया गया है।

21 जून को दक्षिणायन आरंभ हो रहा है। 

 

https://soundcloud.com/soundsofisha/dakshinayanam

भोर का राग गा रहा था मैं

मैंने देखा एक खूबसूरत सूर्योदय

 

सूर्य की किरणें पड़ रही थीं दक्षिण की ओर

अरे! यही तो दक्षिणायन है

 

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पृथ्वी में जो होता है बदलाव

हमारी आध्यात्मिकता का यह है आधार

 

देता आश्रयहमारी ग्रहणशीलता को

खुशहाली लेकर आया है दक्षिणायन

 

मूलाधार से लेकर

पहले तीन चक्रों को

इन महीनों में कर सकते हो शुद्ध

 

सूर्य का चक्र है प्रकृति के गणित का आधार

हमारे अंतर्मन को शुद्ध करता

ग्रहणशीलता और खुशहाली लेकर

आया है दक्षिणायन

 

जैसे चाहें बदल सकते हैं हम

अपने हाथों में है हमारा जीवन

मगर जब ब्रह्मांड में होते हैं परिवर्तन

उनसे बदलता है हमारा जीवन

यह है सूर्य के पथ का विज्ञान

 

इसे जान कर

इसके साथ चलना लाएगा खुशहाली

खुशहाली लेकर आया है दक्षिणायन

क्या आप साउंड्स ऑफ ईशा के गीत पसंद करते हैं ? इन गीतों के बारे में अधिक जानकारी के लिए साउंड्स ऑफ ईशा की अधिकारिक वेब साइट पर जाएँ।