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Wisdom
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गणेश जी बुद्धि व प्रज्ञा के मूर्त रूप हैं। आज का दिन अपनी बुद्धि को बढ़ाने के लिए है, न कि अपने पेट को।
अगर हमारे पास पर्याप्त पेड़ होंगे, तो पर्याप्त बारिश होगी और हमारी नदियां बहती रहेंगी।
विशिष्टता या खास होने का भाव मृत्यु है। समावेशिता यानी अपने में सबको शामिल करना ही जीवन है।
अगर आप इस बात को लेकर जागरूक हो जाएँ कि आपको जिंदा रखने के लिए कितने सारे प्राणी अपने जीवन की कुर्बानी दे रहे हैं, तो आप भरपूर कृतज्ञता के साथ भोजन करेंगे।
आपको चाहे जो भी दिया जाए, यदि आप इससे कोई सुंदर चीज पैदा कर सकते हैं तो इसे ही बुद्धिमानी कहते हैं।
अगर आप सच में मेरा और अपना जन्मोत्सव मनाना चाहते हैं, तो आप अपने और दूसरों के जीवन में योग को एक जीती-जागती वास्तविकता बनाएं।
जब कोई बच्चा आपके जीवन में आता है, तो वो समय सीखने का होता है, सिखाने का नहीं।
सृष्टि का स्रोत हर जगह है - आपके अंदर और आपके बाहर।
आपका शरीर और मन बस उन चीजों का संग्रह हैं, जिन्हें आपने इकट्ठा किया है। आप जो जमा करते हैं, वह आपका हो सकता है, लेकिन वह कभी ‘आप’ नहीं हो सकता।
जब आप दूसरों की भलाई को अपनी भलाई से ऊपर रखते हैं, तो यही भक्ति है।
जब आपका फोकस एकनिष्ठ हो जाता है, तब आपको किसी चीज से इनकार नहीं किया जा सकता।
मृत्यु उनकी कल्पना है जो जागरूक नहीं हैं। सिर्फ जीवन है, जीवन, और सिर्फ जीवन, एक आयाम से दूसरे आयाम की ओर बढ़ता हुआ।