इस हफ्ते के स्पॉट में सद्‌गुरु ने टेनीसी के आइआइआइ से विश्व शांति दिवस के अवसर पर एक कविता भेजी है - “बस युद्ध ही युद्ध. . . ” साथ में है उस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के चित्रों का स्लाइडशो।

 शांति

 बस युद्ध ही युद्ध

हर तरफ हर जगह।

जिसे हम शांति कहते हैं

वह तो है बस

एक छोटा सा अंतराल

दो युद्धों के बीच का,

शांति- तो है एक तैयारी

अगले युद्ध की।

 

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कई युद्ध किए हमने

सिद्धांतों के लिए

अब भी हैं लड़ते रहते

सीमाओं के लिए

भगवान के नाम पर

हैं कितने वध किए

 

भर दिया है

इस खूबसूरत धरती को

क्रोध और घृणा की घिनौनी बदबू से।

 

नींद में डूबे हुए लोगो

उठो और आगे आओ

चलो खत्म कर दें

उन रक्त पिपासे दरिंदों को

जो छिपे बैठे हैं हमारे ही अंदर

 

आओ और डूब जाओ

मेरे अस्तित्व की सुगंध में

और जान लो

जीवन के परम आनंद को।

Love & Grace