ऊंचाई में रहते हुए तीन सप्ताह गुज़र गए हैं। हालांकि मैं ऊंचाई को अच्छी तरह से संभालता हूं, लेकिन एक सीमा से ज्यादा गतिविधि करने से कुछ थकान जरुर महसूस होती है। काकभुशुंडी और दक्षिण अन्नपूर्णा से मानसरोवर और कैलाश तक - न केवल साँसें थोड़ी रुकी हुई हैं, बल्कि शब्द भी पूरी तरह से रुक गए हैं। असाधारण प्राकृतिक सौंदर्य की शक्ति और रहस्यवाद की जबरदस्त उपस्थिति। ये एक नशीला मेल है, जो आपके दिल और दिमाग को नृत्य और तरंगों से भर देता है, एक ऐसा नशा जो आपको चकरा दे...

Love & Grace

 

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