आनंद अलै या ‘आनंद की लहर’ दक्षिण भारत में तेजी से फैल रही एक आध्यात्मिक क्रांति है जो हजारों-लाखों लोगों के जीवन को छू रही है। इसमें सद्गुरु बड़े पैमाने पर आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जिनमें एक बार में 14000 लोग भाग ले सकते हैं। वह उन्हें शांभवी महामुद्रा में दीक्षित करते हैं जो जीवन को रूपांतरित करने वाली एक क्रिया है। इन कार्यक्रमों के दौरान वह सवालों के जवाब भी देते हैं और अपनी चिरपरिचित हाजिरजवाबी के साथ ज्ञान की बातें भी बताते हैं।