अकसर हमारे आस-पास ऐसे लोग होते हैं, जिनकी आदतें, जीवन-शैली, व्यवहार सबसे हमें चिढ़ होता है। कुछ तो हमारे इतने करीबी होते हैं कि हम उनसे दूर भी नहीं जा सकते और साथ रहना भी मुश्किल लगता है। कैसे करें उन लोगों को भी प्रेम?

जो हमें तंग करते हैं उनसे हम प्रेम कैसे करें? उनसे प्रेम करने का दिखावा मत कीजिए, बस इतना समझ लीजिए के वे आपको तंग कर रहे हैं| सवाल ये है कि आप उनसे परेशान या तंग भला क्यों हो रहे हैं? सिर्फ इसलिए कि जैसा आप उनसे उम्मीद करते हैं, वे वैसे नहीं हैं। साथ-ही-साथ आप यह भी दावा करते हैं कि आप भगवान को मानते हैं। अगर आप भगवान को मानते हैं तो फिर यह भी मानना होगा कि आपको तंग करने वाला वह इंसान भी भगवान का ही बनाया हुआ है और वह भी इतना उम्दा कि वह आपको बेइंतहा तंग करने से बाज नहीं आता। है न? इसलिए खुद को किसी धोखे में मत रखिए। गौर कीजिए कि आप चिढ़ इसलिए रहे हैं क्योंकि आपने सही और गलत का फैसला पहले ही कर रखा है। आपने फैसला कर लिया है, “बस यही सबसे सही तरीका है।” अगर कोई इंसान अलग तरह का निकला तो पहले तो आप उससे परेशान हो जायेंगे, फिर नाराज़, फिर आप उससे नफरत करेंगे और फिर आप उसकी जान तक लेने की सोच सकते हैं। स्वाभाविक तौर पर बात ऐसे ही बिगड़ती जाती है, क्योंकि आप चाहते हैं कि इस दुनिया का हर इंसान आप जैसा हो। अगर हर इंसान आप जैसा होता तो फिर क्या आप यहां होते? खुद आपके घर में अगर कोई एक भी आप जैसा होता तो क्या आप उस घर में रह पाते? क्या ऐसा संभव होता? शुक्र है कि इस दुनिया में हर इंसान अपने तरीके से अलग है।

अगर कोई इंसान अलग तरह का निकला तो पहले तो आप उससे परेशान हो जायेंगे, फिर नाराज़, फिर आप उससे नफरत करेंगे और फिर आप उसकी जान तक लेने की सोच सकते हैं।

इंसानों की इस भीड़ में से आप किसी भी एक को ले लीजिए, वह बिलकुल अलग और अनूठा है।  है न? सबके-सब बिलकुल अनोखे हैं। आपके बगल में जो इंसान अभी है उसको देखिए, उस जैसा दूसरा इंसान आपको इस दुनिया में कहीं नज़र नहीं आयेगा। उस जैसा कोई न पहले कभी था न आगे कभी होगा। वह इंसान एकदम अनूठा है। जब आप यह मान लेंगे कि इस जैसा सिर्फ एक ही इंसान इस दुनिया में है तो फिर आपको महसूस होगा कि अरे! यह कितना अनमोल है! यह आपको परेशान कैसे कर सकता है भला? इधर-उधर नज़र घुमाइए, आपके इर्द-गिर्द बैठे सभी लोग बिलकुल अनूठे हैं। इस दुनिया में उन जैसा दूसरा कोई नहीं है। आपके लिए यह कितनी बड़ी बात है कि आज आप एक ऐसे इंसान के बगल में बैठे हैं जो पूरी दुनिया में बिलकुल अनोखा है। ऐसा इंसान इस धरती पर न पहले कभी हुआ न आगे कभी होगा। तो फिर तंग होने का सवाल ही कहां पैदा होता है? आप इस अनोखेपन को नहीं देख पा रहे, इसीलिए आप तंग हो रहे हैं, परेशान हो रहे हैं। आपने अपनी आंखें खोल कर ज़िंदगी को ठीक तरह से नहीं देखा, इसीलिए आप तंग हो रहे हैं। वरना कोई आपको कैसे तंग कर सकता है भला?
 
x1Brett @flickr

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