मिताली: नमस्कारम। सद्‌गुरु जी, मैं इसकी सच्चाई जानना चाहती हूं कि हर दिन अपने खिलाफ बनने वाली राय को अनदेखा करने की क्षमता हम कहां और कैसे पा सकते हैं।

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सद्‌गुरु: नमस्कारम मिताली। लोग हर चीज के बारे में अपनी राय रखते हैं मगर आपको या किसी को उससे फर्क क्यों पड़ना चाहिए? उनकी राय हमारे लिए मायने तभी रखेगी जब हमारे अंदर बहुत स्पष्टता नहीं होगी कि हम क्या कर रहे हैं। दूसरे लोगों की राय से लड़ने की कोशिश करने की बजाय हमें इसमें स्पष्टता लाने की कोशिश करनी चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं और जो कर रहे हैं, उसे क्यों कर रहे हैं। अगर यह स्पष्टता हमारे अंदर आ जाए तो दूसरे लोगों की राय से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

लोगों को राय बनाने का अधिकार है

लोग हमेशा हमारे बारे में राय बनाएंगे और यह उनका अधिकार है। जैसा कि कन्नड़ा संत अक्का महादेवी ने कहा, ‘आपने पहाड़ और जंगल में एक घर बनाया, मगर अब आप जानवरों से डरते हैं - आपको वहां घर नहीं बनाना चाहिए था। आपने बाजार में घर बनाया और आप वहां के शोरगुल से डरते हैं, तो वहां आपको होना ही नहीं चाहिए।’ अब आप समाज में रह रहे हैं और दूसरे लोग क्या कहते हैं, उससे डरते हैं। यह सामाजिक जीवन का हिस्सा है। कोई हमेशा कुछ न कुछ कहेगा। आजकल सोशल मीडिया के कारण यह बढ़-चढ़कर दिखता है मगर लोग हमेशा से राय रखते रहे हैं।

जीवन में स्पष्टता लानी होगी

एक समय आपको सिर्फ दो या तीन या पांच लोगों की राय से लड़ना पड़ता था। आज आपको पांच मिलियन लोगों की राय से लड़ना पड़ता है। क्योंकि वे सभी वहां अपनी अपनी राय प्रकट कर रहे हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। वे जो चाहे, कह सकते हैं मगर सबसे महत्वपूर्ण चीज है अपने जीवन में स्पष्टता की एक पूर्ण भावना लाना कि हम क्या कर रहे हैं और जो कर रहे हैं, वह क्यों कर रहे हैं। अगर यह हमारे सामने स्पष्ट होगा तो राय उड़ेगी और राय बदलेगी। मैंने सुना है कि आप गेंद को बहुत अच्छे से मारती हैं। बस गेंद को अच्छी तरह मारें। आप देखेंगी कि हर किसी की राय बदल जाएगी।

संपादक का नोट : चाहे आप एक विवादास्पद प्रश्न से जूझ रहे हों, एक गलत माने जाने वाले विषय के बारे में परेशान महसूस कर रहे हों, या आपके भीतर ऐसा प्रश्न हो जिसका कोई भी जवाब देने को तैयार न हो, उस प्रश्न को पूछने का यही मौक़ा है! - unplugwithsadhguru.org
 

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