सद्‌गुरुहर बच्चे के भीतर दुनिया को एक नए तरीके से देखने की क्षमता होती है। ऐसे में हम अपने बच्चे को अपनी ओर से क्या दे सकते हैं, जिससे उसकी क्षमताएँ विकसित हो और उसे सफलता मिले?

हालांकि आपने बड़े प्रेम के साथ संतान पैदा कर ली थी, आज आप अपने बच्चों की वजह से परेशान हैं। बच्चे अपके काबू से बाहर हो रहे हैं, यही चिंता आपको लगातार सता रही है। आपका बेटा दोस्तों के साथ मजे से सिगरेट पीकर घर लौटता है, इसे आप बरदाश्त नहीं कर पाते। गुस्से में लाल-पीले होकर आप चिल्लाते हैं, ‘तेरे इस तरह के हथकंडों से हमारे परिवार की प्रतिष्ठा में कलंक लग रहा है।’

क्रोध नहीं, प्रेम से समझाना होगा

बताइए, क्या वह फौरन सिगरेट पीना छोड़ देगा? किसी अँधेरे कोने में खड़े होकर सिगरेट पीने के बाद उसकी बू को छिपाने के लिए मुँह में कोई चीज चबाते हुए आएगा। आपने उसे सिखाना चाहा कि सिगरेट पीना गलत काम है।

यदि आपने अपने अंदर उससे प्यार करने की आदत डाली होती, तो शुरू से ही आप दोनों के बीच में अच्छी मित्रता पनप गई होती।
लेकिन आपने तो उल्टे उसे झूठ और चोरी सिखा दी! उसे सुधारने की नीयत से आपने धमकी भरे कड़े शब्दों में उसे डाँटा था। अधिकार चलाकर आप उसे थोड़े समय के लिए खींचे रख सकते हैं। लेकिन इससे आपकी सच्ची परवाह उसकी समझ में नहीं आएगी। उसमें वह बदलाव नहीं आएगा जिसकी आप प्रतीक्षा करते हैं। यदि आपने अपने अंदर उससे प्यार करने की आदत डाली होती, तो शुरू से ही आप दोनों के बीच में अच्छी मित्रता पनप गई होती। उसके अंदर अच्छे-बुरे की पहचान करने का विवेक भी आ गया हो तो ऐसे में वह समझ लेता कि आप जो भी कह रहे हैं, उसकी भलाई के लिए कह रहे हैं। इसके विपरीत, अगर आप उस पर हुकूमत चलाने की सोचते तो जीवन में कठिनाइयाँ आते वक्त वह आपसे सलाह और मदद माँगने से हिचकता।

शंकरन पिल्लै ने अपने भांजे को उसके जन्म-दिन पर टीन का एक सस्ता ढोलक उपहार में दिया।

एक महीने के बाद वे उससे मिलने गए। लडक़ा खुशी-खुशी उनकी ओर भागा हुआ आया और बोला :

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‘‘मामाजी, जन्मदिन पर मुझे जितने उपहार मिले, उनमें आपका दिया ढोलक ही सबसे बढिया है। मैंने उसके जरिए पैसा कमाना सीख लिया।’’

शंकरन पिल्लै की छाती गर्व से चौड़ी हो गई। भांजे से पूछा, ‘‘क्या तुम संगीत कार्यक्रम में संगत देने के लिए रियाज कर रहे हो?’’

‘‘जी नहीं, मामाजी! मैं ढोलक न बजाऊँ, इसके लिए माँ रोज दस रुपए देती है। दादाजी हर हफ्ते पचास रुपए देते हैं।’’ लडक़े ने कहा।

आप को बेवकूफ बनाकर अपना उल्लू सीधा करने की विद्या आपके बेटे को भी आती है। यह उसकी गलती नहीं है। आपने उसे उस ढंग से पाला-पोसा, यह गलती आपकी है।

एक ऐसा जीव जिसको दुनिया का अभ्यास नहीं है

एक बात को अच्छी तरह से समझ लीजिए। संतान आपकी जायदाद नहीं है। आपके माध्यम से एक जीव इस संसार में आया है, यह आपको दिया गया एक गौरव है। इसके अलावा, बच्चा कभी भी आपका गुलाम नहीं है।

वर्ना, बच्चा जो है, किसी तरह की वक्रताओं से रहित नया-ताजा जीव है। एक ऐसा जीव जिसे जीवन को दुखपूर्ण बोझा समझने का अभ्यास नहीं है।
मार-पीट कर बच्चे को पालना एक घृणित कार्य है। दरअसल बच्चे के अंदर आपका सामना करने की शक्ति नहीं है, आपका हाथ ऊँचा होने का कारण यही तो है! निहत्थे पर तलवार चलाना बहादुरी है... या विवेक? केवल शारीरिक दृष्टि से अपना बचाव करने की क्षमता बच्चे में नहीं होती। वर्ना, बच्चा जो है, किसी तरह की वक्रताओं से रहित नया-ताजा जीव है। एक ऐसा जीव जिसे जीवन को दुखपूर्ण बोझा समझने का अभ्यास नहीं है। झूठ-फरेब से दूर होने की वजह से यह जीव दुनिया को आपकी बनिस्बत अद्भुत ढंग से देखने का नजरिया रखता है। यदि आप चाहते हैं कि फूल का पौधा अच्छी तरह फले-फूले तो आप पास में बैठकर उसे छेड़ते रहेंगे? नहीं न? उसके लिए आवश्यक खाद डालेंगे और पानी सींचते हुए देखभाल करते रहेंगे। पौधा अपने आप फूलेगा।

बच्चा भी पौधा-जैसा ही है। उसको आवश्यक संरक्षण दें, और अपने विचारों को उस पर थोपें नहीं, बस!

आपके बच्चों को आपसे बढ़कर कुछ करना चाहिए

यदि अपना इकलौता बेटा बिजनेस में चाव दिखाए बिना संगीत पर फिदा रहे, हमेशा गिटार बजाता रहे तो कोई सफल उद्योगपति इसे बरदाश्त नहीं कर सकेंगे।

क्या आप नहीं चाहते कि आपके बच्चे ऐसे कार्यों को आजमाने की क्षमता पाएँ जिन पर हाथ डालने का साहस आपमें नहीं था?
किसी संगीतज्ञ का बेटा मोटर गाड़ी के कल-पुर्जों के साथ सदा व्यस्त रहता तो संगीतकार पिता इसे सहन नहीं कर पाएँगे। क्यों? अपने चले जाने के बाद अपने अवशिष्ट के रूप में दुनिया में कुछ रहना चाहिए, यही छोटी-सी आशा इसका कारण है। इसलिए लोग बच्चों को अपनी तरह बड़ा करके अपने निशान के रूप में छोड़ जाना चाहते हैं। आप क्यों ऐसी उम्मीद रखते हैं कि आपकी संतान भी आपके द्वारा की जा रही उन्हीं गलतियों को दुहराए? क्या आप नहीं चाहते कि आपके बच्चे ऐसे कार्यों को आजमाने की क्षमता पाएँ जिन पर हाथ डालने का साहस आपमें नहीं था? आगे आने वाली पीढिय़ाँ इस तरह अनछुए क्षेत्रों में आगे बढक़र काम करें तभी न दुनिया उत्तरोत्तर विकास करेगी?

अपने बच्चे के लिए आपके द्वारा देने योग्य उपहार केवल दो ही हैं - स्नेह और सच्ची देखभाल। हुकूमत कतई नहीं। आपकी तुलना में आपका बच्चा बढिय़ा निकलेगा, इसमें कोई संदेह नहीं। इस तरह पलने वाला बच्चा कभी गलत राह पर नहीं जाएगा।