आदियोगी आलयम की प्राण-प्रतिष्ठा

पिछले चार महीनों से, आश्रम में न तो कोई दिन था और न ही कोई रात। बस यह एक बहुत लंबा कार्यदिवस था। इस समय के दौरान आदियोगी आलयम निर्माण स्थल पर जो हुआ, वह वाकई अद्भुत था; यहाँ के निवासियों व स्वयंसेवकों ने इस प्राण-प्रतिष्ठा प्रसंग को साकार करने के जी-तोड़ श्रम किया, और बहुत ही भव्य रूप से प्राण-प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ। इस तरह के प्रसंग और प्रक्रियाएँ प्रायः बहुत ही आत्मीय रूप में पूरे किए जाते हैं, परंतु हमारे पास यहाँ 11,049 साधक थे और उनके सहयोग, श्रम व तीव्रता का स्तर, आप कहीं और नहीं पा सकते। कक्ष में लोगों की भीड़ उमड़ी जा रही थी; अभी तो वह पूरी तरह से बन कर तैयार भी नहीं हुआ, और पहले से ही वह स्थान कम पड़ने लगा है।

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