प्रश्न: मैं अपनी जिंदगी में बहुत सारे ट्रेंड्स और पैटर्न देख रहा हूं। मुझे लगता है जैसे मेरे भीतर बहुत सारी महत्वाकांक्षाएं हैं, लेकिन फिर बहुत आसानी से मेरा उत्साह खत्म भी हो जाता है और मैं अपनी महत्वाकांक्षाओं को छोड़ देता हूं। मैं इस साइकिल को कैसे तोड़ूं?

सद्‌गुरु : एक चीज होती है - चाह, कामना या इच्छा। आज आप किसी चीज की इच्छा रख सकते हैं और कल किसी दूसरी चीज की। आपकी इच्छा आज किसी एक चीज के लिए हो सकती है तो कल किसी दूसरी चीज के लिए। लेकिन महत्वाकांक्षा जब आती है तो उसमें वापसी की गुंजाइश नहीं होती।

महत्वाकांक्षा इसी तरह की इच्छा को कहते हैं। इसमें इच्छा का तत्व तो होता है लेकिन यह समय के साथ गर्म या ठंडी नहीं होती। हमेशा जलती रहती है। 
महत्वाकांक्षा एक नॉन-रिटर्न वाल्व के साथ आती है। आपको पता है न कि वह क्या होता है? पानी या कोई दूसरा द्रव भी, जब किसी ऐसे वाल्व से गुजरता है, जिसमें एकतरफा रास्ता हो, तो वह कभी भी वापस नहीं आ सकता। उसके पास वापस आने का कोई रास्ता ही नहीं होता।

आप किसी भी पल कोई इच्छा पैदा कर सकते हैं। आप पांच मिनट के अंदर कोई भी कामना कर सकते हैं लेकिन महत्वाकांक्षा इस तरह एकदम से नहीं आ सकती। इस धरती पर ज्यादातर लोगों के जीवन में कोई महत्वाकांक्षा ही नहीं है। उनकी इच्छाएं हैं, चाहतें हैं, जरूरतें हैं, वे सनक भी रखते हैं लेकिन महत्वाकांक्षाएं नहीं हैं।

महत्वाकांक्षा कोई ऐसी चीज नहीं है जो आए-जाए। आपने अभी कहा कि मैं अपने जीवन के खास पड़ाव पर पहुंच चुका हूं। मैं उम्मीद कर रहा था कि आप अपनी महत्वाकांक्षा के बारे में बताने जा रहे हैं लेकिन आप अपनी इच्छाओं के बारे में ही बात कर रहे हैं, जो ऊपर-नीचे होती रहती हैं। 

महत्वाकांक्षा - कई जन्मों को एक में बांधती है

इच्छाएं गर्म हो जाती हैं। और आप जानते ही हैं कि अगर कोई भी मशीन गर्म होती है, इसका मतलब है कि वो अच्छे से काम नहीं कर रही है। मशीन में जितना ज्यादा रगड़ होगा, वह उतनी ज्यादा गर्म होगी। जब उसमें एक खास तरह का चिकनापन आ जाता है तो वह ठंडी हो जाती है और ठंडी रहकर बहुत अच्छे से काम करने लगती है। महत्वाकांक्षा इसी तरह की इच्छा को कहते हैं। इसमें इच्छा का तत्व तो होता है लेकिन यह समय के साथ गर्म या ठंडी नहीं होती। हमेशा जलती रहती है। यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे आपको रोज हवा देनी पड़े। एक बार यह आपके अंदर पैदा हो गई तो कभी कहीं नहीं जाती। आपकी जो मर्जी हो कीजिए, यहां तक कि अगर आप मर भी गए, तब भी यह आपके अंदर से नहीं जाती है। यह कई जीवन तक आपका पीछा नहीं छोडती। यह एक ऐसा टांका है, जो आपके कई जन्मों को एक में जोड़ता है। केवल एक महत्वाकांक्षा के कारण कई जीवन एक जीवन में बंध जाते हैं। वह व्यक्ति धन्य है, जिसके जीवन में कोई महत्वाकांक्षा है क्योंकि उसके लिए बहुत सारे जीवन एक जीवन में बंध जाते हैं। एक बार कई जीवन एक हो गए तो आपको उस व्यक्ति को कोई भी कहानी सुनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि कैसे यह सब कुछ एक चक्र में गोल-गोल घूम रहा है। आपको उसे कुछ भी बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

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