सद्‌गुरुबीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर कुछ दिन पहले ईशा योग केन्द्र, कोयंबतूर आए जहां वे सद्‌गुरु के साथ ‘होम स्कूल’ देखने गए। वहां बातचीत के दौरान एक छात्रा द्वारा पूछे गए सवाल का दोनों जवाब दे रहे हैं

प्रश्न : अगर कोई अपने देश को बेहतर बनाने के लिए कुछ करना चाहता है, तो उसे क्या करना चाहिए?

अनुराग ठाकुर : सवा अरब लोगों की जरूरत क्या हो सकती है? जाहिर है कोई एक चीज तो हो नहीं सकती। उन्हें हर चीज की जरूरत होगी। आपको अच्छे किसान चाहिए, आपको अच्छे खिलाड़ी चाहिए, आपको अच्छे बिजनेसमैन चाहिए, आपको अच्छे लोग चाहिए। कुल मिलाकर कहें तो आपको अच्छे इंसानों की जरूरत है। आपको ऐसे लोगों की जरुरत है जो देश के प्रति समर्पित हों।

उदाहरण के लिए अगर आप इंजीनियर बन गए हैं, तो सोचिए कि इसके पीछे आपका लक्ष्य क्या होना चाहिए? सिर्फ किसी बड़ी कंपनी में काम करना या अपना उद्यम शुरु करना या वाकई किसी आम आदमी की जिंदगी में परिवर्तन लाना?
अगर हम किसी एक काम के लिए अच्छे लोगों को ढूंढ़ेंगे तो देश का विकास नहीं होगा, आपको हर क्षेत्र में अच्छे लोगों की जरूरत होगी। उदाहरण के लिए अगर आप इंजीनियर बन गए हैं, तो सोचिए कि इसके पीछे आपका लक्ष्य क्या होना चाहिए? सिर्फ किसी बड़ी कंपनी में काम करना या अपना उद्यम शुरु करना या वाकई किसी आम आदमी की जिंदगी में परिवर्तन लाना? क्या आपमें से कोई ऐसा है जो इंजीनियर इसलिए बनना चाहता है कि वह कुछ ऐसा बना सके जो देश के गरीब लोगों की जिंदगी को आसान कर दे। उदाहरण   के लिए कोई यह सोचे कि खेतों में पानी पहुंचाने की कोई तकनीक किसानों की कैसे मदद कर सकती है। हम सभी कैसे समाज में अपना योगदान दे सकते हैं?

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दुर्भाग्य की बात है कि मैंने ऐसे कई डॉक्टर देखे हैं, जो दाखिला पाने के लिए ही लाखों रुपये खर्च कर देते हैं। ऐसे में डॉक्टर बनने के बाद उनके लिए पहला लक्ष्य तो यही हो जाता है कि वे उतना पैसा वापस कमाएं, जो उनके माता-पिता ने डोनेशन या रिश्वत के रूप में दिया था। ऐसे में वे ग्रामीण इलाकों में जाकर गरीबों की सेवा क्यों करेंगे! सरकार और समाज के सामने यह एक बड़ी चुनौती है। एक तरफ तो आप समाज की सेवा करना चाहते हैं और दूसरी तरफ आपको अपने सपने पूरे करने हैं, जिनका पीछा करने में आपने अपनी आधी जिंदगी निकाल दी।

तो यह सब उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह सिर्फ अपना भला करना चाहता है, समाज के कुछ वर्गों का भला करना चाहता है या पूरे देश का।

देश को बेहतर बनाने के लिए लोगों की जरूरत है

सद्‌गुरु : आपका सवाल है कि देश का भला करने के लिए किस चीज की जरूरत है? एक शानदार देश और शानदार दुनिया का निर्माण करने के लिए जरुरत है - बस आपकी और मेरी, यानी लोगों की।

अगर हम ऐसे काम करते हैं, जो हमारे लिए तो अच्छे हैं, लेकिन बाकी लोगों पर पडऩे वाले उसके बुरे असर की हम परवाह नहीं करते तो हम इस दुनिया को बुरा बना डालेंगे।
अगर हम सभी लोग इस बात के लिए समर्पित हो जाएं कि हम अपने इर्द-गिर्द कुछ खूबसूरत रचना चाहते हैं तो हमारा देश और दुनिया वाकई शानदार होगी। अगर हम ऐसे काम करते हैं, जो हमारे लिए तो अच्छे हैं, लेकिन बाकी लोगों पर पडऩे वाले उसके बुरे असर की हम परवाह नहीं करते तो हम इस दुनिया को बुरा बना डालेंगे। आप सडक़ पर गाड़ी चला रहे हैं। गाड़ी चलाते वक्त नियमों को तोडऩा आपके लिए मस्ती की बात हो सकती है। जहां नो एंट्री का बोर्ड लगा है, वहां गाड़ी ले जाकर आपको ऐसा महसूस होता है मानो आपने कोई क्रांति कर दी हो। लेकिन जरा सोचिए कि अगर सडक़ पर चलने वाला हर शख्स नियमों को ऐसे ही तोडऩे लगे तो क्या होगा? मैंने ये चीज उन लोगों में ज्यादा देखी है जो देश से बाहर रहते हैं। वे उस देश के सभी नियमों का पालन करते हैं, जिसमें वे रह रहे हैं, लेकिन जैसे ही वे अपने देश में कदम रखते हैं, उन्हें लगता है कि अब वे नियमों को तोड़ सकते हैं। वे यह महसूस करना चाहते हैं कि वे अपने घर में हैं।

सुंदरता से पहले स्थिरता चाहिए

अगर हम खूबसूरत माहौल बनाना चाहते हैं तो पहली चीज है एक स्थिर माहौल का निर्माण करना।

जो लोग हमारे पास आते हैं, उन पर या तो हम सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं या नकारात्मक या फिर हम उन्हें ऐसे ही जाने दे सकते हैं।
अगर समाज में स्थिरता नहीं होगी, तो किसी खूबसूरत चीज का निर्माण करना संभव ही नहीं है, क्योंकि कोई न कोई उसे मिटा देगा। इसलिए सबसे पहली चीज है स्थिर माहौल बनाना और फिर उसके बाद खूबसूरत माहौल बनाना। अगर आप लोग स्कूल में खूबसूरत माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह एक अच्छी ट्रेनिंग है। जो लोग हमारे पास आते हैं, उन पर या तो हम सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं या नकारात्मक या फिर हम उन्हें ऐसे ही जाने दे सकते हैं। अगर कोई आपके पास से गुजर रहा है तो आप उसकी तरफ मुस्कराकर उससे प्यार के दो शब्द बोल सकते हैं, या आप उसकी ओर मुंह बनाकर भी देख सकते हैं। या फिर आप उसे नजरअंदाज कर यूं ही जाने दे सकते हैं। हर इंसान यही कर रहा है।

आप कैसे हैं - ये हालात तय न करे

बहुत कम लोग ऐसे हैं, जो पूरी सजगता से अपने आसपास के लोगों और परिस्थितियों को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।

आप जो हैं, क्या आप वैसे ही रह सकते हैं, चाहे आपके बारे में कोई कुछ भी कहे? यह आपका फैसला होना चाहिए कि आप कैसे हैं और आप कैसे रहेंगे।
अगर आप सभी लोग ऐसा करने लगें और अपने जीवन में कम-से-कम सौ लोगों को प्रेरित कर सकें, तो जाहिर है हमारे पास एक खूबसूरत दुनिया होगी। लोग आपको कई तरह से तंग करेंगे, लेकिन आप जिन हालातों में हैं, वे हालात यह तय नहीं करेंगे कि आप कौन हैं। आप जो हैं, क्या आप वैसे ही रह सकते हैं, चाहे आपके बारे में कोई कुछ भी कहे? यह आपका फैसला होना चाहिए कि आप कैसे हैं और आप कैसे रहेंगे। आप किसी दूसरे को यह हक नहीं देंगे कि वह आपको नाराज कर सके, आपके भीतर ईर्ष्या पैदा कर सके या आपको निराश कर सके। अगर आप इस चीज को सीख लें, तो निश्चित रूप से आप एक खूबसूरत संसार का निर्माण कर सकेंगे। इसके लिए कितना काम करना होगा? हर कोई अपनी क्षमता के हिसाब से अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की कोशिश करे, बस इतना ही करना है।