सद्‌गुरुभारत में और कई सारे पूर्वी देशों में हाथ जोड़कर नमस्कार करने की परंपरा है। आइये जानते हैं इसके विज्ञान के बारे में और साथ ही कैसे नमस्कार एक योग का रूप बन सकता है...

‘नमस्कार’ योग का पहला रूप है, क्योंकि योग शब्द का मतलब है मेल। भेदभाव, द्वंद्व या संघर्ष का पहला चरण आपके भीतर शुरु होता है - इडा और पिंगला के बीच, पौरुष और स्त्रैण गुणों के बीच, सूर्य और चंद्र नाड़ी के बीच, यिन और यैंग ऊर्जा के बीच। इन दोनों के बीच एक टकराव होता है। यह टकराव आपके जीवन में लाखों अलग-अलग रूपों में व्यक्त होता है। मगर मूल रूप से देखें तो इडा और पिंगला के बीच कोई सामंजस्य नहीं होता।

इसलिए योग का सबसे सरल रूप नमस्कार योग है। बस अपनी हथेलियों को साथ मिलाइए और दुनिया को जोडि़ए। अगर आप सिर्फ इन हाथों को साथ जोड़ते हैं, तो इस बात की संभावना है कि आप दुनिया को जोड़ सकते हैं।

अभ्यास

नमस्कार करें। रोजाना अपनी हथेलियों को साथ जोड़ कर किसी ऐसी चीज को देखें जो आपके लिए कोई मायने रखती है।

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जब यह प्रक्षेपण हो रहा था, बहुत से लोग जो शीशों के पीछे खड़े थे और सिर्फ देख रहे थे, वे सब अपने हाथों को जोडक़र नमस्कार की मुद्रा में थे।
वह सूर्य, चंद्रमा या बादल हो सकता है या फिर खाली आसमान, कोई पेड़, या कोई चट्टान हो सकता है या आपके पति, पत्नी, बच्चा, या माता-पिता हो सकते हैं। कोई भी चीज जो आपके लिए वाकई मायने रखती है, उसके लिए अपने हाथ जोडि़ए और उसकी ओर सबसे गहरी भावना और आदर भाव के साथ देखिए। कुछ नहीं तो सिर्फ  किसी पेड़ की ओर बस इस तरह तीन से पांच मिनट तक देखिए। आपका जीवन रूपांतरित होने लगेगा।

आपको बस जमीन पर पालथी मार कर बैठना है। अगर आप चाहें तो एक पेड़, अपने पति, पत्नी, बच्चे या किसी के भी सामने बैठ सकते हैं। अगर आप लंबे समय तक सिर्फ अपने हाथों को जोड़ कर रखें तो सिस्टम में एक बुनियादी रूपांतरण होने लगता है।

कोई भी अवसर मत गंवाइए। अगर आप किसी गाय को देखें, किसी हाथी को, किसी चींटी को, किसी को भी, तो मौके को मत गंवाइए। हाथ जोड़ कर नमस्कार कीजिए। सब कुछ इस बात की याद दिलाते हैं कि आपको जरूरत है जुडऩे की, मेल की, अपने अंदर एक संयोजन की। अगर आप इस दुनिया में बहुत अच्छी तरह जीना चाहते हैं, तो आपको अपने सिस्टम में सामंजस्य लाने की जरूरत है। अगर कोई पेड़ हिलता है, बादल आते-जाते हैं, सूर्य निकल रहा है, चंद्रमा, सितारे, कोई आपकी ओर आ रहा है, कोई वहां से जा रहा है तो सबको बस नमस्कार कीजिए।

कोई मौका मत गंवाइए। यह योग का सरलतम रूप है - नमस्कार योग। इस दुनिया में बेहतरीन और शानदार तरीके से रहने की आपकी काबिलियत सिर्फ इसी बात पर निर्भर करती है कि आपका सिस्टम कितने लय में, कितने सामंजस्य में है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या घटित हुआ - कोई अच्छी चीज हुई या कोई बुरी चीज हुई। आप अपने भीतर संतुलन लाइए। अगर आपके भीतर यह संतुलन होगा तो आपकी जीवन यात्रा निश्चित रूप से सुखद होगी। चाहे आपके आस-पास कुछ भी हो रहा हो, हमारे आस-पास बहुत सी चीजें घटित होती रहती हैं, हम हमेशा उन चीजों पर काबू नहीं कर पाते, मगर हमारे भीतर क्या घटित होता है, उसी से यह तय होता है कि इस दुनिया में हमारी यात्रा कैसी होगी - कष्टपूर्ण या आनंदमय।

अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि यह कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसका आविष्कार बाहरी चीजों से किया गया है। किसी भी संस्कृति में जब भी कोई अपने आस-पास की चीजों से पूरी तरह तालमेल महसूस करता है, तो अनजाने में ही सही, वह नमस्कार की मुद्रा में आ जाता है। इसे सिखाने की जरूरत नहीं होती।

जब कोई चीज आपको अभिभूत कर देती है, कोई चीज जो आपको लय में ला दे, तो तुरंत आपके हाथ जुड़ जाते हैं। इसके उल्टा अगर आप पहले ही हाथ जोड़ कर नमस्कार करना शुरु कर दें, तो आप संतुलन में होंगे।
हां हमारी संस्कृति में यह एक विज्ञान की तरह सिखाया गया है। बाकी दुनिया में, जब कोई अपने भीतर पूरी तरह संतुलित महसूस करता है, अपने चारों ओर की हर चीज के साथ तालमेल महसूस करता है, तो क्या वह स्वाभाविक रूप से नमस्कार की मुद्रा में नहीं आ जाता? मैंने हाल में अपोलो 11 के प्रक्षेपण का वीडियो देखा है। क्योंकि अपोलो 11 पर जाने वाले इस व्यक्ति से मैं मिला और उसने मुझे यह वीडियो दिया। मैं इसे देख रहा था। जब यह प्रक्षेपण हो रहा था, बहुत से लोग जो शीशों के पीछे खड़े थे और सिर्फ देख रहे थे, वे सब अपने हाथों को जोडक़र नमस्कार की मुद्रा में थे। क्या आपने यह देखा है? वे बस एक रॉकेट का प्रक्षेपण देख रहे थे। चूंकि वह सारा दृश्य इतना अद्भुत था, तो यह नमस्कार स्वाभाविक रूप से हो गया। उनके दिमाग में कोई भगवान नहीं थे।

जब कोई चीज आपको अभिभूत कर देती है, कोई चीज जो आपको लय में ला दे, तो तुरंत आपके हाथ जुड़ जाते हैं। इसके उल्टा अगर आप पहले ही हाथ जोड़ कर नमस्कार करना शुरु कर दें, तो आप संतुलन में होंगे। इसलिए हम यह सरल योग दुनिया को सिखाना चाहते हैं।