रसिया कृष्ण- भर देते हैं अपने प्रेम, मिठास और विलास से
कृष्ण को लेकर कुछ लोग यह कहते हैं कि वह एक काल्पनिक पात्र हैं तो कुछ लोग उन्हें ऐतिहासिक पात्र मानते हैं। कृष्ण का महत्व इस बात में नहीं है कि वह वाकई इस धरती पर पैदा हुए या नहीं, वह खुद अच्छे थे या बुरे। महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका विचार मात्र ही इंसान को माधुर्य और प्रेम से भर देता है।
कृष्ण को लेकर कुछ लोग यह कहते हैं कि वह एक काल्पनिक पात्र हैं तो कुछ लोग उन्हें ऐतिहासिक पात्र मानते हैं। कृष्ण का महत्व इस बात में नहीं है कि वह वाकई इस धरती पर पैदा हुए या नहीं, वह खुद अच्छे थे या बुरे। महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका विचार मात्र ही इंसान को माधुर्य और प्रेम से भर देता है।
एक सज्जन मेरे पास आए और बोले, ’मैं कृष्ण को नहीं मानता। मेरा इन सब बातों में कोई विश्वास नहीं।’ ठीक है। आपको कृष्ण को मानने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह मामला कृष्ण का नहीं, आपका है। कृष्ण को तो हम बस एक साधन की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।
खुद को मधुरता से सराबोर करने के लिए भक्तों ने कुछ तरीके खोज निकाले। कोई इंसान जितने भी महान गुणों के बारे में सोच सकता है, उन सभी के साथ उन्होंने कृष्ण का गुणगान किया और एक मनोहर देवता के रूप में उनका वर्णन किया। उन्होंने बताया, ’कृष्ण के होंठ बहुत आकर्षक हैं, उनकी आवाज बड़ी सुरीली है, उनकी आंखें बहुत प्यारी हैं, उनके कान भी सुंदर हैं, उनकी अंगुलियां अच्छी हैं, उनकी चाल बड़ी आकर्षक है, उनके नैन नक्श बड़े तीखे और खूबसूरत हैं।’ इस तरह उन लोगों ने कृष्ण की हर चीज के बारे में बेहद खूबसूरती से वर्णन किया। इसके पीछे मकसद उनका महिमामंडन करना नहीं था। कभी आपने महसूस किया है कि किसी अद्भुत शख्स की मौजूदगी में आप भी अद्भुत हो जाते हैं? लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि अद्भुत होने के लिए आपको किसी दूसरे की मौजूदगी की जरूरत पड़ती है। होना तो यह चाहिए कि आपकी मौजूदगी से दुनिया अद्भुत हो जाए। आप ऐसा कर सकते हैं। बस बात इतनी है कि इस दिशा में जरूरी कोशिश नहीं की गई है। आपने अपने जीवन को किसी और चीज में लगा दिया है।
तो कृष्ण को माधुर्य के देवता के रूप में देखना...जिस तरीके से वह चलते हैं, जिस तरीके से वह गुस्सा करते हैं, उनसे जुड़ी हर चीज आकर्षक है। वह माधुर्य के देवता हैं। इसका संबंध उनसे नहीं है, इसका संबंध आपसे है। यह देखना है कि आप कितने मधुर और खूबसूरत बनते हैं। ईश्वर खूबसूरत है इसलिए नहीं कि वह कोई खूबसूरत शख्स है। अगर आप इस संसार को और यहां हो रही घटनाओं को देखेंगे तो आपको लगेगा कि ईश्वर कितना भयावह है, लेकिन भक्तों ने उसका वर्णन इस तरह से किया है कि वह मधुर हो गया है। जीवन का अनुभव इसमें नहीं है कि आप कौन हैं और आपके इर्दगिर्द क्या है। जीवन का अनुभव इसमें है कि आप अपने भीतर कैसे हैं।
कृष्ण ने अपने जीवन में कई भयानक काम भी किए हैं। ऐसे कई प्रसंग हैं, जब जरूरत पडऩे पर उन्होंने बड़ी निर्दयता से काम लिया, लेकिन मसला यह नहीं है। तथ्य यह है कि जब लोग उनके आसपास रहते थे तो जाने अनजाने वे बेहद प्रिय और भले बन जाते थे। उन्होंने लोगों को प्रिय और भला होने के लिए प्रेरित किया। वह खुद प्यारे थे या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आम मिठास से भरपूर है। क्या आपको लगता है कि आम का बीज जो उसके भीतर है, वह इस मिठास को महसूस कर रहा है? तो इस बात की फिक्र छोड़ दीजिए कि कृष्ण असल में थे या नहीं। बस यह याद रखिए कि उन्होंने लाखों लोगों के अंदर एक खास तरह का प्रेम और मिठास भर दी थी। खुद को प्रेम और मिठास से भरपूर बनाने के लिए आप भी उनका उपयोग कर सकते हैं।
आगे जारी...
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