सद्‌गुरुईशा योग केंद्र में हर दिन हल्दी और नीम खाने का नियम है। एक साधक ने इसका कारण जानना चाहा। सद्‌गुरु हमें नीम के जबरदस्त औषधीय गुणों के बारे में बता रहे हैं, साथ ही वे बता रहे हैं कि कैसे हल्दी सिर्फ शरीर नहीं ऊर्जा को भी प्रभावित करती है

 

प्रश्नकर्ता : जब मैं आश्रम आया, तो सुबह की साधना करने से पहले हमें खाने के लिए नीम और हल्दी के गोलियाँ दी गयीं। इसका क्या महत्व है?

सद्‌गुरु : नीम आपके शरीर की सफाई करता है। आप जानते हैं कि नीम की लकड़ी कितनी गुणकारी होती है। यह लोगों को जाग्रत करने का काम करती है।

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आपके अंदर इतने जीवों का निवास है जितनी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। इनमें से अधिकांश बैक्टीरिया हमारे लिए मददगार होते हैं।
भारत में अगर आप अजीब व्यवहार कर रहे हैं और आपको प्रेतबाधा है, तो नीम की लकड़ी से आपका भूत भगा दिया जाता हैं! अगर आपको किसी तरह का संक्रमण है, तो आपको नीम के पत्तों के बिस्तर पर लिटाया जाता है क्योंकि उससे शरीर में ऊर्जा आती है और शरीर की सफाई होती है। इसके पत्तों में जबरदस्त औषधीय गुण और बहुत शक्तिशाली प्राणशक्ति कंपन होता है और यह इतना कड़वा होता है कि आपके अंदर का भूत भाग जाता है!

खाली पेट नीम और हल्दी खाने के फायदे

नीम का पत्ता इस धरती पर पाया जाने वाला सबसे विविध गुणों वाला पत्ता है। शरीर की सफाई में इसके खास फायदे हैं। जो लोग पश्चिम से आए हैं, भारत में आपको सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि आपको पेट के इंफेक्शन हो जाते हैं। कोई भी चीज, जो भारतीयों के लिए बहुत बढ़िया और स्वादिष्ट होगी, आपको शौचालय के चक्कर लगवा सकता है क्योंकि यह दुनिया बैक्टीरिया से भरी हुई है। यह शरीर बैक्टीरिया से भरा हुआ है। एक सामान्य आकार के शरीर में, करीब दस ट्रिलियन मानव कोशिकाएं होती हैं लेकिन 100 ट्रिलियन से अधिक बैक्टीरिया होते हैं। आप दस में एक की दर से अल्पसंख्यक हैं। आपके अंदर इतने जीवों का निवास है जितनी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। इनमें से अधिकांश बैक्टीरिया हमारे लिए मददगार होते हैं। उनके बिना हम जीवित नहीं रह सकते, लेकिन उनमें से कुछ हमारे लिए समस्या उत्पन्नं कर सकते हैं। अगर आप नीम का सेवन करें, तो वह आंत में समस्या उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है।

नीम कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करता है

नीम के बहुत से अविश्वसनीय फायदे हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि वह कैंसर उत्पन्नब करने वाली कोशिकाओं को खत्म कर देता है। हम सब के शरीर में कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं होती हैं लेकिन वे अव्यवस्थित होती हैं, वे पूरे शरीर में बिखरी होती हैं।

कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इधर-उधर दौड़ रही हैं। अगर वे अपने आप यूं ही आवारागर्दी करते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है। अगर वे एक जगह मिलकर हमला करते हैं, तब समस्या है।
छोटा-मोटा अपराध अगर संगठित अपराध बन जाए तो यह गंभीर समस्या हो जाती है, है न? हर शहर में हर कहीं छोटे-मोटे अपराधी होते हैं। वे यहां-वहां लोगों की जेब काटेंगे, यह कोई समस्या की बात नहीं है। लेकिन अगर पचास जेबकतरे एक शहर में संगठित हो जाएं, तो अचानक शहर का सारा माहौल बदल जाएगा। ये पचास लोग साथ मिलकर ऐसी चीजें कर सकते हैं कि आपके लिए सड़क पर निकलना खतरनाक हो जाएगा। शरीर में यही सब हो रहा है। कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं इधर-उधर दौड़ रही हैं। अगर वे अपने आप यूं ही आवारागर्दी करते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है। अगर वे एक जगह मिलकर हमला करते हैं, तब समस्या है। इसके लिए उन्हें तोड़ते रहना होगा, यहां-वहां कुछ कोशिकाओं को मारना होगा, इससे पहले कि वे संगठित हो पाएं। रोजाना नीम का सेवन यही काम करता है, यह शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को सीमित रखता है, जहां वे शरीर के खिलाफ इकट्ठा नहीं हो पाती। इसलिए नीम का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है।

नीम बैक्टीरिया की संख्या को कम करता है

अगर आप नीम का सेवन करें, तो हो सकता है कि मच्छर भी आपको न काटें। अगर आप नहाने से ठीक पहले नीम का पेस्ट अपने ऊपर लगाएं, थोड़ी देर उसे सूखने दें और फिर पानी से धो लें, तो यह अपने आप में एक क्लींजर है, बाहर का सारा बैक्टीरिया नष्ट हो जाएगा। या आप नीम के कुछ पत्ते ले कर उन्हें पानी में डाल लें, रात भर छोड़ दें और उससे स्नाान करें।

यह महत्वपूर्ण है कि हमारे शरीर में बैक्टीरिया की बहुतायत न हो। बैक्टीरिया के सक्रिय हुए बिना आप जीवित नहीं रह सकते। लेकिन अगर बैक्टीरिया की बहुतायत हो गई, तो आप बीमार महसूस करेंगे क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उनसे निपटने में बहुत ऊर्जा खर्च करती है। नीम का अलग-अलग रूपों में इस्तेमाल करते हुए, आप बैक्टीरिया को इतना सीमित कर सकते हैं कि आपको उसे संभालने में शरीर की ऊर्जा खर्च न करनी पड़े।

हल्दी के अनेक गुण

हल्दी एक ऐसा तत्व है जो न सिर्फ शरीर के लिए लाभदायक है, बल्कि ऊर्जा तंत्र के लिए भी कारगर है। यह रक्त, शरीर और ऊर्जा तंत्र में एक खास शुद्धिकरण प्रक्रिया लाता है। आप बाहर से भी इसे शुद्धिकरण के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। सिर्फ एक चुटकी हल्दी लेकर उसे बाल्टी भर पानी में डालकर वह पानी अपने शरीर पर उड़ेलें। आप देखेंगे कि इससे शरीर ऊर्जावान और कांतिमय हो जाएगा। हल्दी के नियमित सेवन से रक्त शुद्ध रहता है और रक्ता का रसायन एक संतुलन में रहता है। यह रक्त  का शुद्धिकरण करता है और आपकी ऊर्जा में एक चमक लाता है।