ध्यानलिंग कई आत्मज्ञानियों का सपना रहा है। यह एक अनूठा ऊर्जा केंद्र है जिस में सातों चक्रों की चरम तक प्राण प्रतिष्ठा की गई है। ध्यानलिंग के सम्मुख सिर्फ कुछ मिनटों के लिए मौन होकर बैठना ही ध्यान की गहरी अवस्था का अनुभव करने के लिए काफी है।