अमेरिका से वापसी
इस बार का स्पाॅट सद्गुरु अमेरिका से मुंबई लौटते हुए हवाई जहाज से लिख रहे हैं जिसमें वो बता रहे हैं अमेरिका के लोगों की हालत और चिंता व्यक्त कर रहे हैं उन तथाकथित सफल और संपन्न लोगों की हालत पर जो सब कुछ हासिल करने के बाद भी दुखी और परेशान हैं।
ArticleNov 7, 2014
इस बार का स्पाॅट सद्गुरु अमेरिका से मुंबई लौटते हुए हवाई जहाज से लिख रहे हैं जिसमें वो बता रहे हैं अमेरिका के लोगों की हालत और चिंता व्यक्त कर रहे हैं उन तथाकथित सफल और संपन्न लोगों की हालत पर जो सब कुछ हासिल करने के बाद भी दुखी और परेशान हैं।
तकरीबन सात हफ्ते तक उस अमेरिका में रहने के बाद, जिसे इस धरती का सबसे महान देश माना जाता है, मेरे भीतर गहन रूप से यह विचार चल रहा है कि आखिर एक आदर्श दुनिया क्या होगी। ऐसा नहीं है कि मेरे मन में कोई आदर्श राज्य की अपनी परिकल्पना नहीं है। वह आदर्श व्यवस्था होगी जिसमें आध्यात्मिकता के साथ भौतिक-सामाजिकता का सुंदर मिश्रण होगा।
‘भौतिक-सामाजिकता’ से मतलब समाज और उसकी भौतिक सुख-सुविधाओं के साधनों से है।
अगर इस पर गौर किया जाए कि अमीरी और संपन्नता को हासिल करने के लिए कोई व्यक्ति या समुदाय क्या कीमत चुकाता है, तो यह तस्वीर जो अमीर और संपन्न लोगों की उभर कर सामने आ रही है, सुन्दर नहीं कही जा सकती।
अगर इस पर गौर किया जाए कि अमीरी और संपन्नता को हासिल करने के लिए कोई व्यक्ति या समुदाय क्या कीमत चुकाता है, तो यह तस्वीर जो अमीर और संपन्न लोगों की उभर कर सामने आ रही है, सुन्दर नहीं कही जा सकती। अगर आर्थिक व भौतिक उपलब्धियों के साथ आध्यात्मिक कृपा हासिल नहीं हो तो सब कुछ व्यर्थ हो जाएगा।
शांति और खुशी न तो पहाड़ों की खामोशी में मिलती है और न ही बाजार के शोरशराबे में। ये केवल उन्हीं को मिलेगी, जिन्होंने अपने भीतर इसे ढूंढने की कोशिश की है।
पिछले कुछ हफ्तों में तमाम तरह की गतिविधियों की वजह से अमेरिका के एक कोने से दूसरे के कोने के बीच भागदौड़ होती रही। विश्व शांति दिवस के मौके पर यूनाइटेड नेशंस में बोलने से लेकर पहली बार बाकायदा गोल्फ टूर्नामेंट खेलना तक इनमें शामिल था। यह टूर्नामेंट राॅबर्ट कैनेडी की 25 साल याद में आयोजित किया गया था। फिस्टी एथल कैनेडी और बाकी कैनेडी परिवार ने शानदार मेजबानी की।
मैं फिलहाल अपने ही यहां की एयरलाइंस एयर इंडिया की फ्लाइट से मुंबई के रास्ते में हूं। अगले 14 घंटों में मैं भारत पहुँच जाऊंगा। राइट बंधुओं का शुक्रिया।
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