सद्‌गुरु इस ब्लॉग में सद्‌गुरु बता रहे हैं कि आनंद कोई उपलब्धि नहीं है, ये तो जीवन का स्वाभाविक गुण है। साथ ही वे बता रहे हैं कि कोई दिन बुरा नहीं होता, और ये सिर्फ हमारे नज़रिए की भूल है।

आनंद कोई दुर्लभ चीज नहीं है। यह कोई उपलब्धि नहीं है। यह आपके जीवन का स्वाभाविक गुण होना चाहिए। जब आप आनंदित होते हैं, तो आपका पूरा जीवन एक जश्न होता है। अपने आनंद को बचाकर मत रखिए... आप अपनी कब्र में हंसी से लोटपोट नहीं हो सकते। जो लोग अपने जीवन में अपने आनंद को बचाकर रखते हैं, उनकी खुशी यहीं खत्म हो जाती है। मैं कब्रगाह में देखने गया तो यकीन मानिए, मुझे वहां कोई हंसी की आवाज नहीं सुनाई दी।

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इस दुनिया के लिए जो सबसे उत्तम चीज आप कर सकते हैं, वह है आनंदित रहना। खुद को आनंदपूर्वक रखना ही इस दुनिया को दिया गया सबसे बड़ा तोहफा है। आपका शरीर और दिमाग तभी उत्तम ढंग से काम करते हैं और पूरी तरह से खुद को व्यक्त करते हैं, जब आप आनंदित रहते हैं।

अगर आप इस बात पर थोड़ा सा ध्यान देने के लिए तैयार है कि कैसे यह इंसान रूपी मशीन काम करती है तो दुनिया के हर इंसान के लिए आनंद संभव है। जैसे बाहरी हालातों को ठीक करने का एक तरीका होता है, वैसे ही अंदरूनी हालातों को भी ठीक करने के लिए कुछ अभ्‍यास होते हैं।

सीखते हैं एक सरल अभ्यास

सीखें दुनिया को सही नजरिये से देखना

सुबह जब आप जगते हैं, तो सबसे पहले आपको मुस्कुराना चाहिए। पिछली रात आपके सोने के बाद से लाखों लोग मर गए। मगर आप जीवित और जगे हुए हैं। इसलिए मुस्कुराइए। फिर आस-पास देखिए।

कष्ट मुख्य रूप से इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर इंसान इस जीवन के प्रति सही नजरिया खो बैठे हैं। उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्व की प्रक्रिया से कहीं बड़ी हो गई है।
बहुत सारे लोगों के साथ ऐसा हुआ कि उनका कोई प्रियजन आज नहीं रहा। आपको जो भी लोग प्यारे हैं, वे जिंदा हैं। वाह! यह तो बहुत अच्छा दिन है, है न? आज सुबह, क्या आपने देखा कि सूर्य बहुत अद्भुत तरीके से उगा? फूल खिले, कोई सितारा नीचे नहीं गिरा, सभी तारामंडल बहुत अच्छी तरह काम कर रहे हैं। सब कुछ व्यवस्थित है। आज समूचा ब्रह्मांड बहुत बढ़िया तरीके से काम कर रहा है मगर आपके दिमाग में आया किसी विचार का एक कीड़ा आपको यह मानने पर मजबूर कर देता है कि आज का दिन बुरा है।

कष्ट मुख्य रूप से इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर इंसान इस जीवन के प्रति सही नजरिया खो बैठे हैं। उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्व की प्रक्रिया से कहीं बड़ी हो गई है। आपने अपनी रचना को इस शानदार सृष्टि से कहीं अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। जिसे आप मेरा जीवन कहते हैं, वह एक छोटी सी घटना है और इस ब्रह्मांड में एक बारीक सा कण है। इसे देखते हुए क्या आप बहुत बढ़िया स्थिति में नहीं हैं? रोजाना सिर्फ पांच मिनट बिताते हुए चीजों को सही नजरिये से देखें, आपके चेहरे पर मुस्कुराहट जरूर आ जाएगी।

सावधान : क्रोध आपके आनंद को गायब कर सकता है

क्रोध जरूर कोई खूबसूरत चीज होगी क्योंकि बहुत से लोग उसके वश में हो गए हैं – वह कोका-कोला की तरह है।

जब आप गुस्से में होते हैं, तो आपके छोटे-मोटे काम निकल सकते हैं। मगर जब आप गुस्से से बाहर होते हैं, तो सारा ब्रह्मांड आपकी मदद करता है।
आज हमें यह दिखाने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि अगर आप पांच मिनट तक गुस्से में रहें तो आप असल में जहर पी रहे होते हैं। गुस्सा, नाराजगी, नफरत, जलन – ये सब जहर हैं जो आप पीते हैं और किसी और के मरने की उम्मीद करते हैं। जीवन इस तरह काम नहीं करता। आप यह जहर इसलिए पीते हैं क्योंकि आपका जीवन आपके आस-पास घटित होने वाली हर चीज की एक अचेतन प्रतिक्रिया है। अगर आप अपने आस-पास घटित होने वाले सभी हालातों के प्रति एक चेतन प्रतिक्रिया करते हैं, तो आप गुस्से में नहीं आ सकते। जब आप गुस्से में होते हैं, तो आपके छोटे-मोटे काम निकल सकते हैं। मगर जब आप गुस्से से बाहर होते हैं, तो सारा ब्रह्मांड आपकी मदद करता है।

गुस्से में होने के लिए आपको जागरूक होने की जरूरत नहीं है, लेकिन आप अगर गुस्से से बचना चाहते हैं तो आपको जागरूक होना पड़ेगा। जैसे ही आप जागरूक हो जाते हैं, तो सबको साथ लेकर चलने की काबिलियत आपके अंदर आ जाती है और ऐसा होते ही आप खुद ही समस्या का हल बन जाते हैं।