काश्मीर में आई बाढ़ पर सद्गुरु का संदेश
इस धरती का स्वर्ग और भारत का सिरमौर कहे जाने वाले कश्मीर की वादियों के बाढ़ की लहरों में डूबने से हर संवेदनशील ह्रदय वहां के लोगों के प्रति सहानुभूति से भर गया है। दूसरी तरफ भारतीय सेना के अद्भुत मदद ने सबका दिल जीत लिया है। विपदा प्रभावित लोगों और सेना के जवानों के प्रति सद्गुरु अपना संदेश दे रहे हैं :
इस धरती का स्वर्ग और भारत का सिरमौर कहे जाने वाले कश्मीर की वादियों के बाढ़ की लहरों में डूबने से हर संवेदनशील ह्रदय वहां के लोगों के प्रति सहानुभूति से भर गया है। दूसरी तरफ भारतीय सेना की अद्भुत मदद ने सबका दिल जीत लिया है। विपदा प्रभावित लोगों और सेना के जवानों के प्रति सद्गुरु अपना संदेश दे रहे हैं:
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संदेश
हमारी सहानुभूति कश्मीर के लोगों के साथ है। झेलम नदी में आई बाढ़ से जो विपत्ति आ खड़ी हुई है, राज्य उसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था। कश्मीर के लोगों के दुख की घड़ी में एक देश के रूप में भारत बहुत शानदार काम कर रहा है, जो उसे करना भी चाहिए। केंद्र सरकार की तत्काल कार्यवाही और सबसे बढ़कर हजारों-लाखों जानें बचाने और अलग-अलग तरीकों से उनके पुनर्वास में भारतीय सेना की अद्भुत कोशिश वाकई काबिले-तारीफ है। हमें भारतीय सेना की कोशिशों की दाद देनी होगी कि उसने इस विपदा के कष्टों को लोगों के लिए काफी कम कर दिया है। उनकी मदद के बिना स्थिति कितनी तकलीफदेह हो सकती थी, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
इस देश में जहां कहीं भी कोई संकट आता है, सेना वहां मदद के लिए पहुंच जाती है। अपनी सेना को इतना शानदार काम करते देखकर बहुत अच्छा लगता है। उन्हें हमारी शुभकामनाएं कि वे इसी तरह लगातार कश्मीर में जिंदगियां बचाते रहें। हमारी हार्दिक शुभकामनाएं और दुआएं कश्मीर के सभी लोगों के साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि वे जल्द ही संकट की इस घड़ी से उबर जाएंगे।