व्‍यभिचार तो आप समझते हैं न। आम तौर पर, किसी अन्‍य मर्द या औरत के साथ शारीरिक संबंध बनाने को व्‍यभिचार कहा जाता है। अगर आपके दिल में प्यार नहीं है तो आप वैसे भी व्यभिचारी हैं। इसके लिए किसी मर्द या औरत का संग नहीं करना है, अगर आपने सुविधा और आराम की खातिर दिल में बिना प्रेम के खुद को जिंदगी के किसी भी पहलू के हवाले कर दिया है, तो आप व्यभिचारी हैं।

तो क्या मैं व्यभिचार का विरोध करता हूं? इस मायने में हां, अवश्य करता हूं।  लेकिन व्यभिचार को सामाजिक परिभाषा की दृष्टि से देखें तो वह व्यक्तिगत होता है। आप जो कुछ भी करते हैं उसका कोई-न-कोई अंजाम जरूर होता है। ज्यादातर लोग इस अंजाम को भुगतना नहीं चाहते। वे बिना अपने काम का फल भुगते मौके का मजा लेना चाहते हैं। जो कोई भी अपने किये के अंजाम को खुशी-खुशी नहीं झेलना चाहता वह बेवकूफ है। बेवकूफ एक ऐसा इंसान होता है जो हर तरह से अपने ही खिलाफ होता है। अपने शरीर या भावना के किसी खास पहलू की खातिर अगर आप ऐसे काम कर रहे हैं जो आपके ही खिलाफ हैं, तो पक्की बात है कि यह ठीक नहीं है। आप खुद के लिए कष्‍ट पैदा कर रहे हैं। कोई भी इंसान अगर किसी भी वजह से खुद के लिए कष्ट पैदा कर रहा है, तो इसका कोई मतलब नहीं बनता, है न?

जो कोई भी अपने किये के अंजाम को खुशी-खुशी नहीं झेलना चाहता वह बेवकूफ है। बेवकूफ एक ऐसा इंसान होता है जो हर तरह से अपने ही खिलाफ होता है।

मैं किसी भी चीज के पक्ष में या उसके विरोध में नहीं हूं। आप अपनी जिंदगी सूझ-बूझ के साथ जी रहे हैं या फिर किसी चीज के गुलाम हैं? सवाल बस इतना ही है। आपको जो चीज वाकई अर्थपूर्ण लगे, आप वही कीजिए। अगर आप खुद को शरीर, भावना या मन के रंग-ढंग के हवाले कर खुद अपने खिलाफ काम कर रहे हैं, तो यह ठीक नहीं है। यह बहुत ही सीमित है और बेवकूफी-भरी बात है।  सीमाओं में बांधने वाली और बेवकूफी-भरी कोई भी चीज किसी काम की नहीं होती। इसलिए मैं कहूंगा कि व्यभिचार बेकार है। यह सही है या गलत? जिंदगी की किसी भी चीज के बारे में फैसला सुनाने वाला भला मैं कौन होता हूं? पर इतना जरूर है कि ऐसा कोई भी काम जो आपके लिए कष्‍ट पैदा करता है, वह बेवकूफी-भरा है। आज किसी ऐसी चीज के आगे घुटने टेकना बेवकूफी और नासमझी-भरा है, जो फिलहाल तो आपको सब-कुछ लगती है, लेकिन कल यह एहसास दिलाएगी कि आप बहुत बड़े बेवकूफ हैं। यह जीने का बड़ा नासमझी-भरा तरीका है। अगर आप नासमझ हैं, तो आपकी जिंदगी के साथ हर चीज गलत है। अगर आपमें समझदारी है, तो पायेंगे कि आपकी जिंदगी के साथ कुछ भी सही और गलत नहीं है।

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