Sadhguruआपके पास डिजाइनर कार हो सकती है, डिजाइनर कपड़े और जूते हो सकते हैं, मगर क्या आपके पास डिजाइनर जीवन है? क्या आपके पास डिजाइनर देवता हैं? जी हां, ये संभव है। लेकिन कैसे?

जब हम डिजाइन या बनावट की बात करते हैं, तो ब्रह्मांड से बेहतर कोई डिजाइन नहीं है। यह न सिर्फ एक साहसी, बल्कि पागलपन भरा डिजाइन है। साथ ही, इसके बुनियादी सिद्धांत बिल्कुल सरल हैं। वैज्ञानिक लोग रचना के सिद्धांत की बात करते हैं, जिसके मुताबिक चाहे  कोई अणु हो, कोई पत्ता, सौर मंडल या ब्रह्मांड, सभी की मूलभूत बनावट एक ही होती है। बस उनकी जटिलता के स्तर में अंतर होता है, कुछ में जटिलता कम होती है, कुछ में कई गुना ज्यादा। इसलिए अगर आप सृष्टि की एक इकाई की बनावट और रचना को समझ जाते हैं, तो आप अनुमान से पूरे ब्रह्मांड की डिजाइन को समझ सकते हैं।

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योग प्रणाली में हमेशा से कहा गया है कि व्यष्टि यानी एक व्यक्ति और सृष्टि में कोई अंतर नहीं है। अगर आप सृष्टि के इस अंश को जानते हैं, जो आप हैं, तो आप अनुमान से सृष्टि के हर पहलू को जान सकते हैं। योग का मतलब यही है। दुर्भाग्यवश, ज्यादातर लोगों को लगता है कि योग महज कसरत है। इस तरह के योग की धारणा अमेरिकी तट से आई  है। योग का मतलब मुख्य रूप से आपकी व्यक्तिगत ज्यामिति और ब्रह्मांडीय ज्यामिति में  तालमेल लाना है ताकि इस ब्रह्मांड की हर चीज तक आपकी पहुंच हो। फिर आप पूरे ब्रह्मांड को अपने भीतर डाउनलोड कर सकते हैं।

डिजाइनर जीवन का मतलब है कि आपके अंदर जो जीवन है, वह उसी तरह घटित हो, जिस तरह आप चाहते हैं। मुख्य रूप से आपको अपनी किस्मत को बनाना है। ऐसा करने के लिए जरूरी है कि आप जो हैं, उसके आंतरिक आयाम पर आपका अधिकार हो, वह आपके काबू में हो।

अगर आपने 80 के दशक में टेलीविजन देखा हो, तो आपको याद होगा कि कई बार ऐसा होता था कि आपका पसंदीदा प्रोग्राम चल रहा होता था और अचानक टीवी से तस्वीरें गायब हो जाती थीं। तब आप दौड़ कर छत पर जाते थे और एल्युमिनियम के तारों के उस गुच्छे को, जिसे एंटीना कहते थे, आप इधर-उधर घुमाते थे। जब वह ठीक सीध में आ जाता था, तो पूरी दुनिया आपके कमरे में उतर आती थी। यही स्थिति मानव शरीर की है। अगर आप उसे सही तालमेल में रखें, तो आप पूरे ब्रह्मांड को डाउनलोड कर सकते हैं। इसे समझना और व्यक्तिगत तथा ब्रह्मांडीय ज्यामिति के बीच तालमेल लाना ही योग का विज्ञान और तकनीक है।

एक डिजाइनर जीवन

आज-कल लोग डिजाइनर कपड़े पहनते हैं और डिजाइनर कारें चलाते हैं, मगर क्या आप खुद एक डिजाइनर जीवन हैं? डिजाइनर जीवन का मतलब है कि आपके अंदर जो जीवन है, वह उसी तरह घटित हो, जिस तरह आप चाहते हैं। मुख्य रूप से आपको अपनी किस्मत को बनाना है। ऐसा करने के लिए जरूरी है कि आप जो हैं, उसके आंतरिक आयाम पर आपका अधिकार हो, वह आपके काबू में हो।

ब्रह्मांड का सबसे शानदार इंजीनियर हमारे अंदर मौजूद है। अगर आप ब्रेड का एक टुकड़ा खाते हैं, तो कुछ घंटों में वह इंसान बन जाता है। एक ब्रेड के टुकड़े को आप धरती की सबसे जटिल रचना में बदल सकते हैं। इसलिए सबसे अद्भुत इंजीनियर तो आपके अंदर ही है। हम जो इनर इंजीनियरिंग सिखाते हैं, उसका आधार यही है। इसमें आपकी आंतरिकता को व्यवस्थित किया जाता है ताकि आप अपने जीवन को अपने हाथ में ले सकें। हम जिस तरह जन्म लेते हैं, जिस तरह जीते, सोचते, महसूस करते और जीवन का अनुभव करते हैं, हम किस मंजिल पर पहुंचेंगे और किस तरह हमारी मृत्यु होगी – सब कुछ व्यक्ति खुद तय करता है। यह एक डिजाइनर जीवन है। यह एक योगी का जीवन है। डिजाइन का यह विचार इसी संस्कृति से उभरा है।

अपने ईश्वर को डिजाइन करें

इस संस्कृति में आपको अपना मनचाहा ईश्वर बनाने की आजादी भी दी गई। यहां आप अपनी पसंद का भगवान बना सकते हैं – जिसे आप इष्ट देवता कहते हैं। आप किसी पुरुष, किसी स्त्री,  गाय, पेड़, किसी भी चीज की पूजा कर सकते हैं और किसी को यह अजीब नहीं लगेगा। आपके ख्याल से हमारे पास 33 करोड़ देवी-देवता क्यों थे? क्योंकि हमारी जनसंख्या इतनी ही थी। उसके बाद हम दुर्भाग्यवश पश्चिमी शिक्षा के प्रभाव में आ गए और संकोची हो गए।

मेरी कामना और आशीर्वाद है कि आप सभी लोग अपनी किस्मत खुद बनाएं। इस संस्कृति की प्रकृति यही है, इस देश की प्रकृति यही है। भारत के लोगों के पास यह जबर्दस्त जिम्मेदारी और सुविधा है। इंसानी खुशहाली के मामले में सफल होना किसे कहते हैं, इसमें भारत एक नई मिसाल कायम कर सकता है। हमारे पास जरूरी आंतरिक तकनीकें और बुद्धि है। हमें इस दुनिया को एक खूबसूरत जगह बनाना है, लड़ाइयों को जीतते हुए नहीं बल्कि दुनिया को एक फूलों के हार की तरह लुभावना बनाते हुए और गले लगाते हुए।