सद्‌गुरुमाननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाशिवरात्रि (24 फरवरी, 2017) को ईशा योग केंद्र कोयंबतूर में, योग के मूलदाता आदियोगी शिव के 112 फीट ऊंचे भव्‍य चेहरे का अनावरण।


माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाशिवरात्रि (24 फरवरी) के दिन ईशा योग केंद्र, कोयंबतूर, तमिलनाडु में,योग के मूलदाता, आदियोगी शिव के 112 फीट उंचे चेहरे का अनावरण किया जाएगा। इस भव्‍य चेहरे का डिजाइन और प्राण-प्रतिष्ठा ईशा फाउंडेशन के संस्‍थापक सद्‌गुरु ने की है।

धरती के इस सबसे विशाल चेहरे की प्रतिष्‍ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्‍मान में की गई है। यह प्रतिष्ठित चेहरा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिये अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है।

प्रधान मंत्री द्वारा अनावरण

आदियोगी को एक श्रद्धांजलि के रूप में माननीय प्रधानमंत्री पवित्र अग्नि को प्रज्वलित करते हुए दुनिया भर में महायोग यज्ञ की शुरुआत करेंगे।

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में इस भव्‍य चेहरे की प्राण-प्रतिष्ठा को एक गंतव्य स्थल के रूप में शामिल किया है।
आने वाले वर्ष में 10 लाख लोग, योग के एक सरल तरीके को कम से कम 100 लोगों को सिखाएंगे और अगली महाशिवरात्रि तक कम से कम 10 करोड़ लोगों तक इसे पहुंचाएंगे।

पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने आधिकारिक अतुल्य भारत अभियान में इस भव्‍य चेहरे की प्राण-प्रतिष्ठा को एक गंतव्य स्थल के रूप में शामिल किया है।

आदियोगी शिव के चेहरे का अनावरण देश के सबसे बड़े महाशिवरात्रि महोत्सव का एक हिस्सा है, जिसे 23 सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों और अनेकों ऑनलाइन प्‍लेटर्फामों पर 5 करोड़ से अधिक लोगों के लिए 7 भाषाओं में एक साथ प्रसारित किया जाएगा। इस रात को ग्रहों की अनूठी स्थिति के कारण मानव शरीर में ऊर्जा कुदरती रूप से ऊपर की ओर बढ़ती है, इसलिए अपनी रीढ़ को पूरी रात सीधा रखने से जबर्दस्त आध्‍यात्मिक लाभ होता है। भारत में 11 डिग्री अक्षांश पर, पृथ्वी के घूमने की धुरी में झुकाव और सटीकता के कारण, अपकेंद्री बल लगभग उर्ध्वाकार होता है और इस अक्षांश पर होने की विशेषता के कारण ईशा योग केंद्र महाशिवरात्रि की रात को मौजूद होने के लिए एक आदर्श स्थान है।

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महाशिवरात्रि महोत्सव का कार्यक्रम

महाशिवरात्रि महोत्‍सव शाम 6 बजे शुरू होकर अगली सुबह 6 बजे तक चलेगा। रात भर चलने वाले इस महोत्सव में सद्गुरु के साथ सत्‍संग का आयोजन होगा और सद्‌गुरु शक्तिशाली ध्यान कराएंगे।

आदियोगी को एक श्रद्धांजलि के रूप में माननीय प्रधानमंत्री पवित्र अग्नि को प्रज्वलित करते हुए दुनिया भर में महायोग यज्ञ की शुरुआत करेंगे।
इस महोत्‍सव में देश के कुछ मशहूर कलाकारों - कैलाश खेर, राजस्थान रूट्स, साउंड्स ऑफ ईशा (ईशा की संगीत मंडली) और नृत्य के ग्रुप नृतारुत्य द्वारा सांस्कृतिक प्रस्‍तुतियां भी शामिल हैं। सभी को महा अन्न दान व प्रसाद भेंट की जाएगी। आदियोगी शिव के महत्व के बारे में बताते हुए सद्‌गुरु ने कहा, ‘आज यह बहुत महत्वपूर्ण हो गया है कि दुनिया में मानवता की अगली पीढ़ी किसी मत में विश्वास करने वाली नहीं, बल्कि खोज करने वाली हो। वे सभी फिलासफी, मत, विचारधारा या विश्वास प्रणाली जो वैज्ञानिक तथ्‍य पर आधरित नहीं हैं, जो तर्क पर खड़े नहीं उतरते, वे आने वाले दशकों में ढहते जाएंगे, औरलोगों में मुक्ति की चाहत बढ़ती जाएगी। जब यह चाहत बढ़ेगी तब आदियोगी शिव और योग विज्ञान की अहमियत भी काफी बढ़ जाएगी।’

‘तमिलनाडु में, अमावस्या के दिन को महीने का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। हम यहां के आम लोगों का सम्मान करते हुए उनके प्रेम और श्रद्धा की अभिव्यक्ति के रूप में आदियोगी शिव को पहला अर्पण करने का मौका स्थानीय लोगों को देंगे।’ – सद्‌गुरु

महाशिवरात्रि से पहले यक्ष

महाशिवरात्रि से पहले, तीन दिन का यक्ष उत्‍सव मनाया जाएगा,जिसका मकसद भारत के सबसे प्रतिभाशाली कलाकारों की प्रस्तुतियों द्वारा भारत के शास्त्रीय संगीत और नृत्य रूपों का संरक्षण करना और उन्हें बढ़ावा देना है।

महाशिवरात्रि महोत्‍सव शाम 6 बजे शुरू होकर अगली सुबह 6 बजे तक चलेगा। रात भर चलने वाले इस महोत्सव में सद्गुरु के साथ सत्‍संग का आयोजन होगा और सद्गुरु शक्तिशाली ध्यान कराएंगे।
इस वर्ष के कलाकारों में 21, 22 और 23 फरवरी को क्रमश: डॉ. मैसूर मंजुनाथ और डॉ. मैसूर नागराज द्वारा वायलिन जुगलबंदी, पद्मश्री श्रीमती मीनाक्षी चितरंजन द्वारा भरतनाट्यम और श्रीमती बिजयिनी सत्पती और श्री सुरूपा सेना द्वारा ओडिसी नृत्य शामिल हैं।

ईशा योग केंद्र में, महाशिवरात्रि के अवसर पर एक विशाल चेहरे – आदियोगी के भव्‍य चेहरे के अनावरण के अवसर पर सभी लोग सादर आमंत्रित हैं।

‘मानवता के इतिहास में पहली बार, आदियोगी शिव ने यह विचार दिया कि प्रकृति के मौलिक नियम हमेशा के लिए बांध कर नहीं रख सकते। अगर कोई कोशिश करना चाहे तो वह सभी सीमाओं से परे जाकर मुक्ति पा सकता है, और मानवता को जड़ता से चेतन विकास की ओर अग्रसर कर सकता है।’ - सद्‌गुरु

संपादक की टिप्पणी:

20 फरवरी से 23 फरवरी तक ईशा योग केंद्र में सद्‌गुरु योगेश्वर लिंग की प्रतिष्ठा करने वाले हैं। इन्हीं दिनों यक्ष महोत्सव भी आयोजित होगा, और इसका सीधा प्रसारण आप यहां देख सकते हैं।

महाशिवरात्रि की रात होने वाले आयोजनों का सीधा प्रसारण आप यहां देख सकते हैं।

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2017-महाशिवरात्रि