ध्यानलिंग – जहां हर इंसान कर सकता है ध्यान
ArticleJun 24, 2016
आज 17वें ध्यानलिंग स्थापना दिवस के दिन, आइये पढ़ें कुछ सूत्र ध्यानलिंग के बारे में...
- ध्यानलिंग - चैतन्य की परम अभिव्यक्ति।
- ध्यानलिंग की मूल प्रकृति निराकार, मौलिक ईश्वरीय ऊर्जा है। अपने बाहरी रूप में, ध्यानलिंग जीवन के उल्लास को इसके विभिन्न आयामों में सात चक्रों के द्वारा प्रकट करता है।
- जो भी व्यक्ति ध्यानलिंग के घेरे में जाता है, उसके भीतर मुक्ति का आध्यात्मिक बीज रोपित हो जाता है। वह इससे अछूता नहीं रह सकता।
- ध्यानलिंग जीवन के सारे उल्लास को अपने भीतर समाए हुए है, पर फिर भी यह जीवन से परे है।
- ध्यानलिंग से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को अर्पित करने की भावना से जाना। ये ऐसा नहीं है, कि आप कुछ भेंट कर रहे हैं, और उसके बदले आपको कुछ और वापस मिल रहा है। बल्कि आप अपने आपको अर्पित कर देते हैं। खुद को ईश्वर को अर्पित करने पर, आप खुद ईश्वर बन जाते हैं।
- हर चीज जो मैं जानता हूं, जो मेरे गुरु जानते थे, और जो संपूर्ण आध्यात्मिक परंपरा जानती थी, वह ध्यानलिंग में ऊर्जा के रूप में मौजूद है।
- जो लोग ध्यान के अनुभव से वंचित रहे हैं, वे भी ध्यानलिंग मंदिर में सिर्फ कुछ मिनट तक मौनपूर्वक बैठकर घ्यान की गहरी अवस्था का अनुभव कर सकते हैं
Subscribe
Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.